आखिर क्यूं मोदी कैबिनेट स्मृति ईरानी से हर बार छीन लेती है उनका मंत्रालय, ये है बड़ी वजह
By कोमल बड़ोदेकर | Published: May 14, 2018 11:12 PM2018-05-14T23:12:33+5:302018-05-14T23:12:33+5:30
मोदी कैबिनेट ने बड़ा फैसला लेते हुए स्मृति ईरानी से सूचना प्रसारण मंत्रालय छीनकर राज्यवर्धन राठौर को प्रभार सौंपा है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली को आराम देने के लिए वित्त मंत्रालय का प्रभार पियूष गोयल को दिया है।
नई दिल्ली, 14 मई। मोदी कैबिनेट में अचानक हुए बड़े बदलाव के चलते राजनीतिक हल्कों में खलबली मच गई है। हाल ही में हुए किडनी ट्रांसप्लाट और ऑपरेशन के चलते केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली को आराम देने के लिए वित्त मंत्रालय का प्रभार पियूष गोयल को दिया है। वहीं स्मृति ईरानी को एक बार फिर मोदी कैबिनेट ने बड़ा झटका दिया है। मोदी कैबिनेट ने बड़ा फैसला लेते हुए स्मृति ईरानी से सूचना प्रसारण मंत्रालय छीनकर राज्यवर्धन राठौर को प्रभार सौंपा है। पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय में राज्य मंत्री का प्रभार संभाल रहे एसएस अहलूवालिया को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में राज्य मंत्री का प्रभार सौंपा गया है।
विवादों के चलते मोदी कैबिनटे ने लिया ये फैसला
आखिर क्यों स्मृति ईरानी से दुबारा मंत्रलाय छीना गया है यह हर शख्स जानना चाहता है। दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो बीते कुछ दिनों से ईरानी विवादों के चलते चर्चा में थी जिसके चलते मोदी सरकार की जमकर किरकिरी हो रही थी। वहीं माना यह भी जा रहा है कि स्मृति द्वारा लिए गए कुछ फैसलों के चलते और पिछले दिनों राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में हुए विवाद के चलते उनसे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय छीन लिया गया है।
दूसरी बार गिरी ईरानी पर गाज
हांलाकि ये पहला मौका नहीं है जब उनसे कोई बड़ा मंत्रालय छीना गया हो। इससे पहले स्मृति ईरानी मानव संसाधन मंत्री थी लेकिन विवादों के चलते उन्हें यहां से हटाकर कपड़ा मंत्री बनाया गया था। जिसके बाद ट्विटर उनके विरोधियों ने जमकर उन्हें ट्रोल किया था। 2016 में मानव संसाधन जैसे भारी-भरकम मंत्रालय से हटाकर स्मृति को कपड़ा मंत्रालय दिया गया था, जिसके बाद कहा गया था कि वे नरेंद्र मोदी की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी हैं।
पहले भी विवादों के चलते छिना था मंत्रालय
स्मृति जिस समय एचआरडी मंत्रालय संभाल रही थी, उस दौरान लगातार वे विवादों के चलते चर्चा में रही। जिसके चलते सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी। इन विवादों में हैदराबाद के रोहित वेमुला का मुद्दा और उनकी डिग्री को लेकर हुए विवाद ने उन्हें बैकफुट पर ला दिया था।
मानव संसाधन मंत्री के रूप में दो साल का उनका कार्यकाल हमेशा ही विवादों से भरा रहा। इसके बाद जुलाई 2016 में स्मृति ईरानी से मानव संसाधन मंत्रालय छीन कर प्रकाश जावड़ेकर को इसकी जिम्मेदारी दी गई थी।
ईरानी पीएम की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी
2014 में जब स्मृति ईरानी ने केंद्रीय मंत्री पद की शपथ ली, तो वे मोदी कैबिनेट में सबसे युवा मंत्री थीं। लेकिन शायद विवादों के चलते ईरानी पीएम की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी। हालांकि, एचआरडी मिनिस्ट्री छिन जाने के बाद उनमे काफी बदलाव देखने को मिला था। उन्होंने विवादित बयानों से दूरी बना ली और अपना ध्यान कपड़ा मंत्री के तौर पर ही आगे बढ़ाया। इसके बाद उन्हें सूचना प्रसारण मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया लेकिन शायद विवादों के चलते एक बार फिर उन पर ये गाज गिरी है।