नारायणपुर नक्सलीः 38 लाख रुपये का इनाम, 7 महिलाओं समेत 16 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 9, 2025 19:10 IST2025-10-09T19:09:47+5:302025-10-09T19:10:41+5:30

Narayanpur Naxalite: आत्मसमर्पण कर रहे नक्सली "खोखली" और "अमानवीय" माओवादी विचारधारा, निर्दोष आदिवासियों पर नक्सलियों द्वारा किए जा रहे अत्याचारों से निराश हैं।

Narayanpur Naxalite 16 Naxalites, including 7 women surrender reward Rs 38 lakh chhattisgarh news | नारायणपुर नक्सलीः 38 लाख रुपये का इनाम, 7 महिलाओं समेत 16 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

सांकेतिक फोटो

Highlights डिप्टी कमांडर पोदिया मरकाम उर्फ रतन (34) भी शामिल है, जिस पर आठ लाख रुपए का इनाम है। डिविजनल कमेटी के सदस्य गावड़े उर्फ दिवाकर (45) पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम है।बाकी छह अन्य प्रतिबंधित संगठन के निचले स्तर के सदस्य है।

Narayanpur: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में बुधवार को 16 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया, जिनमें से नौ पर कुल 38 लाख रुपये का इनाम है। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी। नारायणपुर जिले के पुलिस अधीक्षक रॉबिन्सन गुरिया ने बताया कि सात महिलाओं समेत 16 नक्सलियों ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया । उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण कर रहे नक्सली "खोखली" और "अमानवीय" माओवादी विचारधारा, निर्दोष आदिवासियों पर नक्सलियों द्वारा किए जा रहे अत्याचारों से निराश हैं।

गुरिया ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में सैन्य प्लाटून के डिप्टी कमांडर पोदिया मरकाम उर्फ रतन (34) भी शामिल है, जिस पर आठ लाख रुपए का इनाम है। उन्होंने बताया कि बड़े नक्सलियों-- मनोज दुग्गा (35), सुमित्रा उर्फ सनी कुर्साम (35) और वनीला फरसा (35), डिविजनल कमेटी के सदस्य गावड़े उर्फ दिवाकर (45) पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम है।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में एरिया कमेटी सदस्य बुधु उर्फ कमलेश उसेंडी (32) पर पांच लाख रुपये का इनाम तथा मड्डा कुंजाम (21), रवि उर्फ गोपाल वड्डे (23) और कारे कोर्राम (23) पर एक-एक लाख रुपये का इनाम है। उन्होंने बताया कि बाकी छह अन्य प्रतिबंधित संगठन के निचले स्तर के सदस्य है।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पूछताछ के दौरान आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों ने पुलिस को बताया कि ‘‘शीर्ष माओवादी नेता आदिवासियों के असली दुश्मन हैं। वे जल, जंगल और जमीन की रक्षा, समानता और न्याय के झूठे वादों से स्थानीय लोगों को गुमराह करते हैं और उनका शोषण करते हैं।"

बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहा, ‘‘यह आत्मसमर्पण इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि बस्तर में बदलाव की बयार बह रही है। हिंसा, भय और शोषण की विचारधारा से निराश होकर इन युवाओं ने शांति, शिक्षा और विकास का मार्ग चुना है।’’ उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल उनके और उनके परिवारों के लिए एक नई शुरुआत है,

बल्कि बस्तर में स्थायी शांति एवं विश्वास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। सुंदरराज का कहना है कि सुरक्षा बलों के निरंतर प्रयास, बढ़ता जन समर्थन और पुनर्वास नीतियों का सकारात्मक प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि यह आत्मसमर्पण, आने वाले दिनों में कई और माओवादियों को आत्मनिरीक्षण करने और मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित करेगा।

उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन और भारत सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर बस्तर रेंज में पिछले 20 महीनों में कुल 1,837 माओवादी कैडर हिंसा का मार्ग छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं।

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