Nagpur Violence: नागपुर हिंसा के मास्टरमाइंड फहीम समीम खान अरेस्ट, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ लड़ा था चुनाव, अपडेट
By सतीश कुमार सिंह | Updated: March 19, 2025 14:25 IST2025-03-19T14:25:03+5:302025-03-19T14:25:45+5:30
Nagpur Violence: भीड़ ने इलाके के लोगों में तनाव और डर पैदा करने के लिए कुल्हाड़ी, पत्थर, लाठी और अन्य हथियार लहराए।

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Nagpur Violence: नागपुर पुलिस ने बुधवार को 17 मार्च (सोमवार) को नागपुर में हुई सांप्रदायिक झड़पों के कथित मास्टरमाइंड की पहचान कर ली है। इस झड़प में पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए थे। आरोपी फहीम समीम खान की पहली तस्वीर भी जारी की गई है। आरोप है कि 38 वर्षीय आरोपी ने दंगा भड़काने के इरादे से झड़प वाले दिन शाम करीब 4 बजे छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा के पास अपने समुदाय के 400 से 500 लोगों को इकट्ठा किया था। इलाके में तैनात पुलिसकर्मियों ने बार-बार स्पीकर के जरिए घोषणा की थी कि भीड़ को मौके से हट जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भीड़ का इकट्ठा होना गैरकानूनी है। हालांकि, भीड़ ने इलाके के लोगों में तनाव और डर पैदा करने के लिए कुल्हाड़ी, पत्थर, लाठी और अन्य हथियार लहराए। इससे धार्मिक दुश्मनी पैदा हुई और झड़पें बढ़ गईं। फहीम खान माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के शहर अध्यक्ष है। 2024 का लोकसभा चुनाव नागपुर निर्वाचन क्षेत्र से लड़ा था। एमडीपी के उम्मीदवार था।
खास बात यह है कि वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। 6.5 लाख से अधिक मतों के भारी अंतर से हार गया था। खान नागपुर के यशोधरा नगर में संजय बाग कॉलोनी के निवासी है। सोमवार को शहर में हुई हिंसक झड़पों के सिलसिले में दर्ज एफआईआर में उनका आधिकारिक तौर पर नाम दर्ज है।
एफआईआर के मुताबिक स्थिति के हिंसक होने पर 50-60 लोगों की भीड़ थाने में जमा हो गई। प्रारंभिक जांच के अनुसार खान ने झड़प शुरू होने से कुछ समय पहले कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिया था, जिसके बारे में पुलिस का दावा है कि इसने इलाके में सांप्रदायिक तनाव को भड़काया और हिंसा को बढ़ावा दिया।
सोमवार को शाम करीब साढ़े सात बजे मध्य नागपुर के महल इलाके के चिटनिस पार्क में हिंसा भड़क उठी, जिसमें पुलिस पर पथराव किया गया। यह अफवाह फैली कि छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए एक दक्षिणपंथी संगठन द्वारा किए गए आंदोलन के दौरान एक समुदाय की पवित्र पुस्तक को जला दिया गया।
झड़पें तेजी से बढ़ीं और भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया, जिसमें 34 पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस बीच, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की अदालत ने बुधवार को 19 आरोपियों को 21 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। नागपुर हिंसा के आरोपियों को एक दिन पहले अदालत में पेश किया गया था।
नागपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है। हालांकि, शहर के कई संवेदनशील इलाकों में दूसरे दिन भी कर्फ्यू जारी है। एक पुलिस अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि संवेदनशील इलाकों में 2,000 से अधिक सशस्त्र पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।