नागपुर मनपा में पार्षद ने पटकी फाइल, नाराज आयुक्त चले गए, बैठक में फूटा आक्रोश, माइक भी उखाड़ फेंकी
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: December 31, 2020 15:20 IST2020-12-31T15:19:06+5:302020-12-31T15:20:01+5:30
नागपुर महानगर पालिकाः कोविड से मनपा का आर्थिक स्थिति खराब होने की बात कही. साथ ही 700 करोड़ रुपए की देनदारी होने की वजह से कोई भी नया काम शुरू नहीं करने की बात कही.

कोविड की वजह से आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. (file photo)
नागपुरः नागपुर प्रभाग में रुके हुए विकास कार्यों की वजह से पार्षदों में भारी असंतोष है. आयुक्त राधाकृष्णन बी. की अनुपस्थिति की वजह से मंगलवार को स्थायी समिति की बैठक स्थगित करनी पड़ी थी.
आयुक्त के आने के साथ ही सभा शुरू हुई. आयुक्त ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मनपा पर 700 करोड़ रुपए की देनदारी है. इस वजह से कोई भी काम शुरू नहीं करने की बात कही. उठकर जाने की तैयारी में थे, इसी बीच नाराज भाजपा पार्षद संजय चावरे ने रुके कामों पर आपत्ति दर्ज कराते हुए फाइल जगह पर पटकी और माइक नोचकर फेंक दिया.
700 करोड़ रुपए की देनदारी होने की वजह
इससे नाराज आयुक्त बैठक से उठकर चले गए. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बैठक शुरू होने के साथ ही आयुक्त राधाकृष्णन बी. पहुंचे. उन्होंने कोविड से मनपा का आर्थिक स्थिति खराब होने की बात कही. साथ ही 700 करोड़ रुपए की देनदारी होने की वजह से कोई भी नया काम शुरू नहीं करने की बात कही.
आयुक्त अर्जेंट मीटिंग होने की बात कहते हुए बीच मीटिंग से ही उठकर जाने लगे. इससे नाराज पार्षद चावरे ने स्थायी समिति सभापति विजय झलके से कहा कि आयुक्त की अनुपस्थिति की वजह से 24 घंटे तक बैठक स्थगित करनी पड़ी. यहां आयुक्त पांच मिनट में भाषण देकर जा रहे हैं.
आयुक्त जवाब देने के मूड में नजर नहीं आए
हमें अपना पक्ष रखना है. रुके हुए काम कब शुरू होंगे, इसका जवाब भी चाहिए. आयुक्त जवाब देने के मूड में नजर नहीं आए. जाने के लिए खड़े हुए. यह देखकर पार्षद चावरे ने फाइल टेबल पर पटकी और माइक नोच कर फेंक दिया. यह देखकर आयुक्त उठकर चले गए.
स्थायी समिति अध्यक्ष विजय झलके ने कहा कि बैठक में ठप विकास कार्यों पर कोई भी निर्णय आयुक्त ने नहीं लिया. इससे सदस्यों में नाराजगी दिखी. जब तक आयुक्त विकास कार्यों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं करते, तब तक प्रशासन की तरफ से आए प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान नहीं की जाएगी. मनपा पर 700 करोड़ की देनदारी बैठक में आयुक्त राधाकृष्णन बी. ने कहा कि मनपा पर कुल 700 करोड़ रुपए की देनदारी है. कोविड की वजह से आर्थिक स्थिति खराब हो गई है.
अन्य विभागों की 70 करोड़ की देनदारी
कोई भी काम शुरू करने की स्थिति में नहीं हैं. पीडब्ल्यूडी की 300 करोड़ रुपए, सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की 230 करोड़, अन्य विभागों की 70 करोड़ की देनदारी है. सातवें वेतन आयोग के लिए 100 करोड़ रुपए की जरूरत है. देनदारी की विस्तृत रिपोर्ट दें विजय झलके ने कहा कि तत्कालीन आयुक्त तुकाराम मुंढे ने शुरुआत में 800 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया बताया था. मनपा सदन में उन्होंने 2100 करोड़ रुपए का दायित्व होने की बात कही थी.
अब आयुक्त राधाकृष्णन बी. 700 करोड़ रुपए की देनदारी होने की बात कह रहे हैं. आखिर सच्चाई क्या है, वित्त विभाग देनदारी की विस्तृत रिपोर्ट 4 जनवरी तक पेश करे. विकास कार्य नहीं होने से नागरिकों में आक्रोश है. उनका गुस्सा पार्षद पर फूट रहा है. पार्षद खुद के काम के लिए फाइलें लेकर नहीं घूम रहे.
जनता का काम है. विवाद पर नहीं लग रहा विराम कार्यादेश हो चुकी फाइलों को रोकने के मामले में पदाधिकारियों और तत्कालीन आयुक्त तुकाराम मुंढे के बीच विवाद हुआ. जब तक वे रहे, खींचतान चलती रही. मुंढे के जाने के बाद विवादों पर विराम लगने के आसार थे. लेकिन काम रोके जाने से फिर से पदाधिकारियों और आयुक्त के बीच नोकझोंक होने लगी है.