केसीआर को यूसीसी के मुद्दे पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने लिखी चिट्ठी, कहा, "इसके जरिये थोपी गई 'समानता' संविधान को नष्ट करने वाली होगी"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 11, 2023 10:39 AM2023-07-11T10:39:16+5:302023-07-11T10:42:53+5:30

ऑल इंडियन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर को यूसीसी के विरोध में चिट्ठी लिखी। मुस्लिम बोर्ड ने अपने पत्र में कहा है कि यूसीसी के जरिये "थोपी गई समानता" संविधान को नष्ट करने वाली होगी।

Muslim Personal Law Board writes to KCR on UCC issue, says "equality" imposed through UCC will be subversive of the Constitution | केसीआर को यूसीसी के मुद्दे पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने लिखी चिट्ठी, कहा, "इसके जरिये थोपी गई 'समानता' संविधान को नष्ट करने वाली होगी"

केसीआर को यूसीसी के मुद्दे पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने लिखी चिट्ठी, कहा, "इसके जरिये थोपी गई 'समानता' संविधान को नष्ट करने वाली होगी"

Highlightsऑल इंडियन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तेलंगाना के सीएम केसीआर को यूसीसी के विरोध में लिखी चिट्ठीमुस्लिम बोर्ड ने कहा कि यूसीसी के जरिये "थोपी गई समानता" संविधान को नष्ट करने वाली होगीसरकार यूसीसी के नाम पर गणतंत्र की जगह धर्मतंत्र को स्थापित करने का प्रयास कर रही है

हैदराबाद: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार देश पर जबरन यूसीसी को थोपना चाहती है और इससे भारत की साझी संस्कृति नष्ट हो जाएगी। दरअसल केसीआर ने यह बात ऑल इंडियन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) द्वारा लिखे उस पत्र के बाद कही, जिसमें एआईएमपीएलबी ने उन्हें पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार द्वारा यूसीसी को कानून में परिवर्तित किये जाने के लिए की जा रही कवायद "थोपी गई समानता" होगी, जो संविधान को नष्ट कर देगी और गणतंत्र की जगह देश में धर्मतंत्र स्थापित हो जाएगा।

केसीआर को लिखे एआईएमपीएलबी के पत्र में बेहद कड़े शब्दों में कहा गया है, "केंद्र सरकार यूसीसी की आड़ में जिस समानता का झूठा खेल खेल रही है, उससे हमारी संस्कृतियों की विविधताएं नष्ट होने का खतरा है। इस तरह देश पर थोपी गई 'समानता' केवल हमारे संविधान को नष्ट करने वाली होगी औऐर इसके नाम पर गणतंत्र के जरिये धर्मतंत्र को स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है।"

पत्र में कहा गया है कि देश में समान नागरिक कानून के लिए केंद्र सरकार की ओर से डाले जा रहे दबाव से नागरिकों के मौलिक अधिकारों का "खुला उल्लंघन" हो रहा है और केंद्र का यह कदम "बहुसंख्यकवादी" है, जिसके कारण अल्पसंख्यकों को अलग-थलग करने की कोशिश की जा रही है।

सीएम केसीआर को लिखे पत्र में आगे कहा गया है, "संविधान के अनुच्छेद 29 के तहत प्रत्येक वर्ग को अपनी संस्कृति को संरक्षित करने का अधिकार है। इसी तरह अनुच्छेद 25 के तहत प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म की स्वतंत्रता का प्रयोग करने की आजादी है। समान नागरिक संहिता के लिए केंद्र सरकार का प्रस्ताव हमारे इन्हीं मौलिक अधिकारों का खुला उल्लंघन है। यूसीसी सीधे तौर पर बहुसंख्यकवादी जनसमूह के पक्ष में लिया गया कदम है, जिससे अल्पसंख्यकों को अलग-थलग करने की साजिश की जा रही है।"

इसके साथ एआईएमपीएलबी ने तेलंगाना के सीएम केसीआर द्वारा सीएए, एनपीआर और एनआरसी पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए प्रशंसा की गई है। पत्र में आगे कहा गया है, "हम असंवैधानिक सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ आपके साहसी रुख की सराहना करते हैं, जिसमें राज्य विधानमंडल ने एक महत्वपूर्ण विरोधी प्रस्ताव पास किया है।"

मालूम हो कि ऑल इंडियन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड मुसलमानों के विभिन्न समूहों और संगठनों का संघ है, जिसके प्रस्तावों को देशभर में मुस्लिम समुदाय के सदस्यों द्वारा सुना और स्वीकार किया जाता है और यह यूसीसी का जमकर विरोध कर रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में भोपाल में भाजपा कार्यकर्ताओं के एक कार्यक्रम में कहा था कि देश को अब "दो कानूनों" के साथ नहीं चलाया जा सकता है। भारत का संविधान भी सभी नागरिकों के लिए समानता की बात करता है।

पीएम मोदी ने यूसीसी लागू किये जाने की जबरदस्त वकालत करते जनसभा में मौजूद भाजपा कार्यकर्ताओं से पूछा था कि एक ही परिवार के सदस्यों के लिए अलग-अलग नियम कैसे हो सकते हैं।

Web Title: Muslim Personal Law Board writes to KCR on UCC issue, says "equality" imposed through UCC will be subversive of the Constitution

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