मुंबईः पसमांदा मुसलमानों का सम्मेलन, अली अनवर अंसारी ने कहा- निकालेंगे ‘स्नेह’ यात्रा, मॉब लिंचिंग और अभद्र भाषा पर रोक लगे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 1, 2022 21:37 IST2022-08-01T21:36:39+5:302022-08-01T21:37:41+5:30
मुंबई के अंजुमन इस्लाम के सभागृह हाल में ऑल इण्डिया मोमिन कॉन्फ्रेंस ने एक सभा आयोजित की। पसमांदा मुसलमानों का प्रतिनिधिमंडल जल्द प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना चाहता है।

बुद्धिजीवियों ने कहा कि सामाजिक भागीदारी, सम्मान के लिए संवैधानिक तरीके से पिछड़े रह गए पसमांदा मुसलमान के लिए कोशिशें की जाए।
मुंबईः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कमजोर वर्गों पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया था। मुस्लिमों में सबसे पिछड़े पसमांदा मुसलमानों तक पहुंचने का खाका तैयार करने को कहा था। प्रधानमंत्री मोदी ने पसमांदा मुसलमानों से जुड़ने की जो बात कही है, उस पर अब समुदाय की तरफ से भी पहल शुरू हो गई है।
आज मुंबई के अंजुमन इस्लाम के सभागृह हाल में ऑल इण्डिया मोमिन कॉन्फ्रेंस ने एक सभा आयोजित की। पसमांदा मुसलमानों का प्रतिनिधिमंडल इस बारे में जल्द से जल्द प्रधानमंत्री मोदी से मिलना चाहता है और देश में समुदाय की तरक्की के लिए उनसे अपनी गुजारिश करना चाहता है।
देश भर के मुस्लिम बुद्धिजीवियों की ऐतिहासिक मीटिंग हुई और चर्चा हुई कि वजीरे आजम ने जो मौका दिया है, उस पर गौर फरमाना चाहिए। हालांकि इसमें समुदाय की तरफ से ये भी मांग रखी गई कि प्रधानमंत्री की तरफ से स्नेह यात्रा शुरू की जाए। आरक्षण पर भी सम्मेलन में चर्चा हुई।
सभी बुद्धिजीवियों ने कहा कि सामाजिक भागीदारी, सम्मान के लिए संवैधानिक तरीके से पिछड़े रह गए पसमांदा मुसलमान के लिए कोशिशें की जाए। अगर प्रधानमंत्री मोदी 15 अगस्त को पसमांदा मुसलमानों के लिए कोई योजना का एलान करते हैं तो समुदाय मानेगा यह सिर्फ जुमला नहीं सच में मोदी सरकार की ईमानदार कोशिश है।
साथ सम्मेलन में इस बात पर भी चर्चा हुई कि यह सिर्फ सियासी वोट बैंक की पूरी कवायद ना बनकर रह जाए इसलिए पूरी सावधानी से महाज इस मुहिम में जुड़े। वही सम्मेलन में हिस्सा लेने आए ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के अध्यक्ष अली अनवर अंसारी ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वास्तव में पिछड़े मुसलमानों के लिए कोई सहानुभूति है, तो उन्हें पहले देश में कानून और न्याय का शासन सुनिश्चित करना चाहिए। इसके लिए उन्हें मुसलमानों को टार्गेट करके मॉब लिंचिंग और अभद्र भाषा को रोकना चाहिए।
उन्हें दलित मुसलमानों, दलित ईसाइयों को अनुसूचित जाति का दर्जा देना चाहिए, इसके लिए उन्हें पूरे देश में जाति पर आधारित जनगणना करानी जरूरी है। देश के सांप्रदायिक माहौल को अनुकूल बनाने के लिए उन्हें एनआरसी और सीएए के नाम पर मुसलमानों को टार्गेट बनाना बंद करना चाहिए। मुसलमानों के पैगंबर के सम्मान का अपमान करने वालों को तुरंत गिरफ्तार कर के जेल भेजा जाना चाहिए।
इस अवसर पर अंजुमन इस्लाम के सभागृह हाल में ऑल इण्डिया मोमिन कॉन्फ्रेंस द्वारा आयोजित सभा के लिए हाल व अन्य जरूरी चीजों को उपलब्ध करने पर अंजुमन इस्लाम के अध्यक्ष डॉक्टर ज़हीर क़ाज़ी का आभार व्यक्त किया। इस बैठक का आयोजन ऑल इण्डिया मोमिन कॉन्फ्रेंस महाराष्ट्र इकाई के महासचिव परवेज अंसारी ने किया था।
बैठक की अध्यक्षता डॉ अब्दुल कदीर (शाहीन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस) ने की। बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में इस तरह की बैठकें आयोजित की जानी चाहिए ताकि पिछड़े मुसलमानों में उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता लाई जा सके।
बैठक में अब्दुल रहमान (आईपीएस), ऑल इण्डिया मुस्लिम ओबीसी के अध्यक्ष इकबाल अंसारी और अब्दुल मजीद कुरैशी (अधिवक्ता), इकबाल मेमन, रईस अहमद (रसाज के अध्यक्ष), फाजिल अंसारी, अब्दुल मतीन खान (कोकन कम्युनिटी फोरम), जहीरुद्दीन अंसारी (बाबर), शमशुद्दीन अंसारी, शाकिर अंसारी (पूर्व नगरसेवक ), मुनीर भाई (छीपा जमात), फैयाज मोमिन, खुर्शीद सिद्दीकी (सलमानी), शकील पापा (काउंसलर भिवंडी), शकील शाहीन (धुल्या) ने बैठक को संबोधित किया।
पसमांदा कुल मुस्लिम आबादी का 70 प्रतिशत से अधिक हैं। पसमांदा में मलिक (तेली), मोमिन अंसार (बुनकर), कुरैशी (कसाई), मंसूरी (रजाई और गद्दे बनाने वाले), इदरीसी (दर्जी), सैफी (लोहार), सलमानी (नाई) और हवारी (धोबी) शामिल हैं।
