मुंबई: भाजपा उपाध्यक्ष की पत्नी का जन्म प्रमाणपत्र फर्जी, कोर्ट ने खारिज की अग्रिम जमानत याचिका, कहा- हिरासत में पूछताछ जरूरी
By विशाल कुमार | Updated: January 5, 2022 12:45 IST2022-01-05T12:29:25+5:302022-01-05T12:45:43+5:30
मुंबई पुलिस की विशेष शाखा के इंस्पेक्टर (सेवानिवृत्त) दीपक कुरुल्कर ने 2017 की जांच में यह पाया था कि भाजपा की मुंबई इकाई के उपाध्यक्ष हैदर आजम की पत्नी रेशमा खान भारतीय नागरिक नहीं है। बांग्लादेशी होने के बावजूद भारतीय पासपोर्ट हासिल करने के लिए फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाने का आरोप।

देवेंद्र फणनवीस के साथ मुंबई भाजपा उपाध्यक्ष हैदर आजम.
मुंबई: फर्जीवाड़ा करके भारतीय पासपोर्ट प्राप्त करने की आरोपी भाजपा की मुंबई इकाई के उपाध्यक्ष हैदर आजम की पत्नी रेशमा खान की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए अपने विस्तृत आदेश में मुंबई की एक सत्र अदालत ने कहा है कि पहली नजर में ऐसा लगता है कि उन्होंने अपने पासपोर्ट आवेदन के साथ जो जन्म प्रमाणपत्र दिया था, वह फर्जी था।
खान की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता की हिरासत में पूछताछ जरूरी है ताकि यह पता चल सके कि फर्जी जन्म प्रमाणपत्र कैसे और कहां बनवाया गया और इस अपराध में और कौन-कौन शामिल है।
बता दें कि, मुंबई पुलिस की विशेष शाखा के इंस्पेक्टर (सेवानिवृत्त) दीपक कुरुल्कर ने 2017 की जांच में यह पाया था कि रेशमा खान भारतीय नागरिक नहीं है।
अपनी शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया था कि दस्तावेजों की पड़ताल से पता चलता है कि खान भारत में बिना किसी दस्तावेज के दाखिल हुई थीं और बांग्लादेशी नागरिक होने के बावजूद भारतीय पासपोर्ट हासिल करने के लिए फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के आधार पर नागरिकता के दस्तावेज हासिल कर लिए।
हालांकि, अपनी याचिका में खान ने कहा था कि यह एक भारतीय नागरिक को बांग्लादेशी साबित करने का प्रयास है और राजनीतिक कारणों से उनके खिलाफ विदेशी अधिनियम की धाराएं लगाई गई हैं।
उन्होंने कहा था कि वह अपना डीएनए टेस्ट भी कराने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा था कि क्योंकि उन्होंने पासपोर्ट नहीं मांगा इसलिए उन पर धोखाधड़ी का आरोप नहीं लगाया जा सकता है।
अदालत ने दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा कि उसके जन्म प्रमाण पत्र से पता चलता है कि यह पश्चिम बंगाल में जारी किया गया था, जबकि उन्होंने दावा किया कि उसका जन्म स्थान बिहार में है।
अभियोजन पक्ष ने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल के अधिकारियों ने कहा था कि उनके दस्तावेजों का कोई रिकॉर्ड नहीं है।
अदालत ने कहा कि यह साफ है कि पासपोर्ट के लिए आवेदन करते समय आवेदक द्वारा इस्तेमाल किया गया जन्म प्रमाण पत्र असली नहीं था और जाली है।
अदालत ने कहा कि यह साफ नहीं है कि खान ने अपना पैन और आधार कार्ड प्राप्त करने के लिए कौन से दस्तावेज प्रस्तुत किए। अदालत ने कहा कि कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है और आगे की जांच की जरूरत है।
एडीजी व अन्य के खिलाफ दर्ज हो चुका है मामला
2017 की जांच के बाद कुरुल्कर ने स्थानीय मालवानी थाने से इस संबंध में मामला दर्ज करने को कहा था। हालांकि, कुरुल्कर की शिकायत के आधार पर मालवानी थाने के तत्कालीन वरिष्ठ इंस्पेक्टर दीपक फटांगरे ने मामला दर्ज नहीं किया था।
कुरुल्कर ने आरोप लगाया कि एडीजी देवेन भारती, जो उस वक्त मुंबई में (कानून-व्यवस्था के) संयुक्त आयुक्त थे, उन्होंने मामला दर्ज नहीं करने के लिए दबाव बनाया था।
इस संबंध में भारती और दो अन्य के खिलाफ इस सप्ताह आईपीसी की धारा 465 (फर्जीवाड़ा), 420 (धोखाधड़ी), 34 (समान मंशा) और पासपोर्ट कानून के संबंधित प्रावधानों में और विदेशी नागरिक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है।