देश आज 2008 में हुए मुंबई हमले की 12वीं बरसी पर इस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों को याद कर रहा है। 12 साल पहले 26 नवंबर, 2008 के दिन पाकिस्तान से समुद्र के रास्ते आए 10 आतंकियों ने कई जगहों पर गोलियां बरसाई थी। इस घटना में 166 लोग मारे गए थे जिसमें 18 सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं। वहीं, कई लोग घायल भी हुए थे।
मुंबई में करीब चार दिनों तक दहशत का माहौल रहा और इसका शिकार मशहूर ताज होटल भी हुआ। इसके अलावा ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल और नरीमन हाउस भी आतंकियों की जद में आया। मुंबई में जब आतंकियों ने हमला किया तब ताज में 450 और ओबेरॉय में 380 मेहमान मौजूद थे। खासतौर से ताज होटल की इमारत से निकलता धुंआ बाद में हमलों की पहचान बन गया।
मुंबई अटैक की 12वीं बरसी पर ताज होटल के पेरेंट ग्रुप टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने भावुक पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर किया है। उन्होंने लिखा कि मुंबई के लिए जिन लोगों ने अपने जान की कुर्बानी दी, उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा।
इंस्टाग्राम पर शेयर पोस्ट में रतन टाटा ने लिखा, '12 साल पहले आज के दिन जो विनाश हुआ था उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है। लेकिन जो सबसे सबसे ज्यादा याद रखने वाली बात है वो ये है कि किस तरह विभिन्न तरह के लोगों से भरी मुंबई एक साथ आई, अपने सभी मतभेद पीछे रखे ताकि उस दिन आतंकवाद और विनाश को खत्म किया जा सके। आज निश्चित रूप से हमने जिनको खोया, जिन्होंने दुश्मन पर जीत पाने के लिए कुर्बानियां दीं, उनको याद कर शोक मना सकते हैं। हमें लेकिन उस एकता, दयालुता के उन कृत्यों और संवदेनशीलता की भी सराहना करनी होगी जो हमें बरकरार रखनी होगी और उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में यह और बढ़ेगी।'
रतन टाटा के इस पोस्ट पर कई तरह के रिएक्शन आ रहे हैं और लोग अपनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं। लोग शहीद कॉन्स्टेबल तुकाराम ओम्बले को भी याद कर रहे हैं जिन्होंने आतंकी अजमल कसाब को पकड़ा था। ओम्बले आतंकवादियों की गोली का शिकार हो गए थे।
साथ ही इस हमले में शहीद होने वालों में ज्वाइंट सीपी हेमंत करकरे, एसीपी अशोक कामटे, मेजर संदीप उन्नीकृष्णन, इंस्पेक्टर विजय सालस्कर समेत कई पुलिसकर्मी शामिल हैं। गौरतलब है कि 26 नवंबर की रात आतंकियों ने मुंबई में गोली बरसानी शुरू की थी और 29 नवंबर की सुबह तक नौ हमलावरों का सफाया हो चुका था। एक आतंकी कसाब को जिंदा पकड़ा गया।