पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को एक विशेष पोर्टल लॉन्च करते हुए बिहार में महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खोल दिया है। इस पोर्टल के माध्यम से राज्य की महिलाएं मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का लाभ उठा सकेंगी। इस योजना के तहत महिलाओं को अपना रोजगार शुरू करने के लिए ₹2 लाख तक का सरकारी अनुदान दिया जाएगा। लॉन्चिंग कार्यक्रम मुख्यमंत्री आवास स्थित ‘संकल्प’ सभागार में आयोजित किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, अन्य कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
इस मौके पर रोजगार प्रचार वाहनों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया, जो राज्यभर में योजना के प्रति जागरूकता फैलाएंगे। इस योजना के तहत महिलाओं को रोजगार शुरू करने के लिए प्रारंभिक रूप में 10,000 की राशि सीधे उनके बैंक खातों में दी जाएगी। इसके बाद यदि लाभार्थी महिला 6 महीने तक सक्रिय रूप से अपने व्यवसाय में लगी रहती है और योजना के मापदंडों पर खरी उतरती है।
तो उसे अतिरिक्त 2 लाख तक की राशि की सहायता मिलेगी। राज्य सरकार का कहना है कि यह योजना केवल आर्थिक सहयोग नहीं, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके जीवन स्तर में सुधार लाने का प्रयास है। खासकर ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं के लिए यह योजना नई संभावनाओं का द्वार खोल रही है।
यह कार्यक्रम बिहार सरकार के विकासोन्मुखी एजेंडे का हिस्सा है, जिसे चुनावी वर्ष 2025 को ध्यान में रखते हुए लागू किया गया है। इससे पहले मुख्यमंत्री कैबिनेट ने इस योजना को मंजूरी दी थी। योजना को ग्रामीण विकास विभाग द्वारा लागू किया जा रहा है। योजना की सबसे खास बात यह है कि आवेदन करने वाली महिला को शुरुआती मदद के तौर पर ₹10,000 की पहली किस्त सीधे बैंक खाते में भेजी जाएगी।
इसके बाद उनके व्यवसाय की प्रगति और जरूरत को देखते हुए धीरे-धीरे ₹2 लाख तक की राशि प्रदान की जाएगी। उल्लेखनीय है कि यह योजना बिहार सरकार की एक पहल है जिसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। अभी भी बड़ी संख्या में महिलाएं अपने परिवार की आय पर निर्भर हैं।
इस योजना से वे न केवल आर्थिक रूप से मजबूत होंगी बल्कि अपने परिवार और समाज में भी सशक्त भूमिका निभा सकेंगी। योजना के अंतर्गत महिलाओं को उनके चुने हुए व्यवसाय जैसे – किराना दुकान, ब्यूटी पार्लर, सब्जी-फल की दुकान, बकरी पालन, मुर्गी पालन, ई-रिक्शा खरीदना आदि के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी।
यह योजना हर महिला के लिए नहीं है। लाभार्थियों को कुछ शर्तों को पूरा करना जरूरी है।महिला की उम्र 18 साल से अधिक और 60 साल से कम होनी चाहिए। उसके पति इनकम टैक्स नहीं भरते हों। महिला या उसके पति सरकारी नौकरी में न हों। महिला को जीविका की बैठक में भाग लेना होगा। परिवार की कोई भी महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य न हो।
इस योजना में महिलाओं को कई तरह के रोजगार विकल्प दिए गए हैं। वे इनमें से किसी एक को चुन सकती हैं। बता दें कि बिहार में महिलाओं की बड़ी आबादी आज भी रोजगार और व्यवसाय से दूर है। परिवार की जिम्मेदारियों के कारण वे आत्मनिर्भर नहीं हो पातीं। इस योजना से महिलाओं को स्वरोजगार शुरू करने का मौका मिलेगा।
वे अपने परिवार की आय बढ़ा सकेंगी। ग्रामीण और शहरी दोनों स्तर पर महिला उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा। महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इस योजना का मकसद है. “बिहार की हर महिला को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें समाज में सम्मानजनक स्थान दिलाना।”