मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा- अधिकार और कर्तव्य के बीच का धर्म संकट है शाहीन बाग
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: February 23, 2020 11:01 AM2020-02-23T11:01:30+5:302020-02-23T11:01:30+5:30
शनिवार (22 फरवरी) को शाहीन बाग को लेकर नकवी ने कहा, ''यह अधिकारों और कर्तव्यों के बीच धर्म संकट है, वे (प्रदर्शनकारी) अपने अधिकार समझते हैं लेकिन कर्तव्य नहीं। असंतोष और आम सहमति लोकतंत्र का हिस्सा हैं लेकिन आप सड़क अवरुद्ध करके अपने अधिकारों को प्राप्त नहीं कर सकते।''
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शाहीन बाग प्रदर्शन को अधिकार और कर्तव्य के बीच का धर्म संकट बताया है। शनिवार (22 फरवरी) को शाहीन बाग को लेकर नकवी ने कहा, ''यह अधिकारों और कर्तव्यों के बीच धर्म संकट है, वे (प्रदर्शनकारी) अपने अधिकार समझते हैं लेकिन कर्तव्य नहीं। असंतोष और आम सहमति लोकतंत्र का हिस्सा हैं लेकिन आप सड़क अवरुद्ध करके अपने अधिकारों को प्राप्त नहीं कर सकते।''
बता दें कि राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में दो महीने से भी ज्यादा वक्त से संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ धरना प्रदर्शन चर रहा है। इससे वहां से आवाजाही ठप्प है। बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने इसका हल निकालने के लिए तीन वार्ताकारों को प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए नियुक्त किया था। वार्ताकारों में वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन और पूर्व नौकरशाह वजाहत हबीबुल्ला शामिल हैं।
Minority Affairs Minister Mukhtar Abbas Naqvi on Delhi's #ShaheenBagh: This is a dilemma between rights and duties, they (protesters) understand their rights but not the duties. Dissent and consensus are part of democracy but you cannot get your rights by blocking road. (22.02) pic.twitter.com/aodY05pUJ4
— ANI (@ANI) February 22, 2020
वार्ताकारों और प्रदर्शकारियों के बीच बातचीत का दौर चल रहा है। प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकारों से कहा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा का आदेश दे तो वे एक तरफ की सड़क खोलने के लिए तैयार हैं। फिलहाल अभी मसले का कोई स्थायी हल नहीं निकला है।
इसी बीच सीएए और एनआरसी के खिलाफ शाहीन बाग की तर्ज पर दिल्ली के जाफराबाद इलाके में शनिवार की रात प्रदर्शनकारी इकट्ठा हो गए, जिनमें अधिकतर महिलाएं हैं। वे वहां लगातार डटे हुए हैं और मांग कर रहे हैं कि जब तक सरकार सीएए को वापस नहीं ले लेती, वे वहां से नहीं हटेंगे। वहीं, प्रदर्शन के कारण जाफराबाद दिल्ली मेट्रो स्टेशन में प्रवेश और निकास बंद कर दिया गया है और ट्रेनें भी स्टेशन पर नहीं रुक रही हैं। मौके पर भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।