मप्र: ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव प्रक्रिया रोकने को लेकर भाजपा और कांग्रेस में जुबानी जंग

By भाषा | Updated: December 18, 2021 21:35 IST2021-12-18T21:35:54+5:302021-12-18T21:35:54+5:30

MP: War of words between BJP and Congress to stop the election process on seats reserved for OBCs | मप्र: ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव प्रक्रिया रोकने को लेकर भाजपा और कांग्रेस में जुबानी जंग

मप्र: ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव प्रक्रिया रोकने को लेकर भाजपा और कांग्रेस में जुबानी जंग

भोपाल, 18 दिसंबर मध्य प्रदेश में स्थानीय निकाय में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव प्रक्रिया रोक दिये जाने और उन सीटों को सामान्य वर्ग के लिए फिर से अधिसूचित करने का राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) को उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्देश दिये जाने के एक दिन बाद शनिवार को प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है और वे एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं।

भाजपा ने जहां कांग्रेस को 'ओबीसी विरोधी' करार दिया, वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के आरक्षण खत्म करने के मंसूबे को कारगर करने का काम कर रही है।

मध्य प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने सागर में शनिवार को संवाददाताओं को बताया, ‘‘कांग्रेस हमेशा से ही ओबीसी वर्ग की विरोधी रही है। पहले भी जब भाजपा की सरकार ने सरकारी नौकरियों में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया, तब भी कांग्रेस ने इस काम में बाधा डालने की कोशिश की थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ओबीसी आरक्षण पर रोक लगाने का षड़यंत्र मध्य प्रदेश कांग्रेस का है। उच्चतम न्यायालय ने 17 दिसंबर को पंचायत चुनाव में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने पर रोक लगाई है। यह सब कांग्रेस के षड़यंत्र के कारण हुआ है।’’

सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की। अदालत में कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने भाजपा सरकार द्वारा ओबीसी वर्ग को पंचायत चुनाव में दिए गए 27 प्रतिशत आरक्षण का विरोध किया। इसके बाद अदालत ने इस आरक्षण पर रोक लगाई है।

उन्होंने कहा, ‘‘कल (रविवार) बारह बजे भोपाल में अपने निवास पर मैंने प्रदेश के सभी ओबीसी नेताओं को आमंत्रित किया है। इसमें हम चर्चा करेंगे कि किस तरह पंचायत चुनाव में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिलाया जाए।’’

कांग्रेस विधायक एवं प्रदेश के पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने ट्विटर पर वीडियो जारी कर भाजपा एवं आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘मध्य प्रदेश चुनाव को लेकर उच्चतम न्यायालय ने पिछड़ा वर्ग का आरक्षण खत्म करने का जो निर्णय लिया है, वह कहीं न कहीं आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी के मंसूबे का परिणाम है।’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘राज्य सरकार द्वारा सही तरह से पैरवी न करने के कारण न्यायालय द्वारा यह निर्णय लिया गया है। इसके लिए पूरी तरह से राज्य की शिवराज सरकार, भाजपा और आरएसएस के नेता जिम्मेदार हैं, जो आरक्षण व्यवस्था खत्म करना चाहते हैं। आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत जी ने बहुत पहले इसका उल्लेख किया था कि इसकी समीक्षा होनी चाहिए और कहीं न कहीं वे अपने मंसूबे में कारगर साबित हो रहे हैं।’’

याचिकाकर्ता मनमोहन नागर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हम वकील से परामर्श के बाद इस फैसले के खिलाफ फिर से उच्चतम न्यायालय में अपील दायर करेंगे।’’

इसी बीच, राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के पालन में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन वर्ष 2021-22 के लिए जारी कार्यक्रम के अंतर्गत अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पंच, सरपंच, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत सदस्य के पदों की निर्वाचन प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए जिला पंचायत सदस्य के 155, जनपद पंचायत सदस्य के 1273, सरपंच के 4058 और पंच के 64 हजार 353 पद आरक्षित हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: MP: War of words between BJP and Congress to stop the election process on seats reserved for OBCs

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे