मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने सत्ता की कमान संभालने के साथ सबसे पहले जो आदेश निकाला, उसी को लेकर अब मध्य प्रदेश में सियासी भूचाल उठ खड़ा हुआ है। सरकार के आदेश पर कांग्रेस हमलावर हो गई है।
कैबिनेट के फैसले पर गरमाई सियासत
एक दिन पहले एमपी की मोहन सरकार ने सबसे पहले आदेश जारी करते हुए मंदिर मस्जिद, धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर डीजे के इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर दिया। इसके लिए सरकार की तरफ से आदेश भी जारी किए गए । एमपी के मोहन सरकार ने दूसरे आदेश में खुले में अवैध रूप से मांस मछली बेचने वालों को भी प्रतिबंधित करने का आदेश जारी किया । एमपी के बीजेपी सरकार के इस फैसले को सनातन की राह पर उठाया गया पड़ा कदम माना जा रहा है। लेकिन राज्य सरकार के आदेश के खिलाफ अब कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने राज्य सरकार के नए फैसले को समाज में विवाद खड़ा करने वाला आदेश बताया तो वहीं कांग्रेस के विधायक आरिफ मसूद ने कोर्ट के आदेश की आड़ में दुर्भावना को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने कहा कि यदि नई सरकार अपने पहले आदेश में बेरोजगारी महंगाई किसान के मुद्दे पर कोई फैसला लेती तो उसका स्वागत होता । लेकिन यह सामाजिक विवाद खड़ा करने का आदेश है।
वहीं राज्य सरकार के पहले आदेश को लेकर मचे बवाल पर बीजेपी विपक्ष पर भी हमलावर हो गई है। भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है। भाजपा विधायक के मुताबिक मंदिरों के आसपास मांस की दुकानों को हटाए जाना स्वागत योग्य है। कोर्ट के आदेश पर सरकार ने धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर को प्रतिबंधित करने का आदेश जारी किया है।
भाजपा का तर्क
दरअसल राज्य सरकार के आदेश को मस्जिद में लाउडस्पीकर पर होने वाली अजान से जोड़कर देखा जा रहा है। राज्य सरकार के आदेश के बाद प्रदेश के कई हिस्सों में तेज आवाज में बजने वाले डीजे जप्त होने की खबरें आ रही है । लेकिन अब इस पूरे मामले पर सियासी रंग चढ़ गया है। जिसके जल्द थमने के आसार नहीं है।