लोकसभा चुनाव को लेकर एमपी की 29 लोकसभा सीटों पर होने वाले रण को लेकर बीजेपी और कांग्रेस ने तैयारी तेज कर दी है । खासतौर पर कांग्रेस की नजर इस बार उन सीटों पर है । जिन सीटों को बीजेपी का गढ़ माना जाता है । क्योकिं कांग्रेस की कोशिश है कि बीजेपी की सेफ सीटों पर अटेक कर बीजेपी के बड़े नेताओं को यही रोका जाएं । जिससे अन्य सीटों पर कांग्रेस को तैयारी का मौका मिल जाएं। यानी वहीं फॉर्मूला । जो बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में अपनाया था । जहां बीजेपी ने अपने दिग्गज चेहरों को कांग्रेस की सेफ सीटें मानी जाने वाली सीटों पर उतारा और वो इसमें कामयाब भी रही । अब आपकों बताते है कौन सी वो 29 में से 11 लोकसभा सीटें है जिस पर कांग्रेस की नजर है । जानिए किस सीट पर कब से BJP का कब्जा1989 से भोपाल, इंदौर, भिंड, विदिशा, दमोह सीट बीजेपी के पास1996 से जबलपुर, सागर, बालाघाट, बैतूल, मुरैना, सतना सीट पर कब्जाखजुराहो लोकसभा 2004 से और ग्वालियर लोकसभा 2009 से बीजेपी के कब्जे में2009 से खरगोन, सीधी, टीकमगढ़ बीजेपी के पास2014 से होशंगाबाद, रीवा, मंडला, शहडोल, राजगढ़, देवास, उज्जैन, मंदसौर, धार, खंडवा बीजेपी के पास2019 में BJP गुना और रतलाम लोकसभा सीट पर भी लहराया परचमछिंदवाड़ा सीट कमलनाथ के कब्जे की रही है.1997 के उपचुनाव में यहां से एक बार बीजेपी के सुंदरलाल पटवा चुनाव जीते थे
लोकसभा चुनाव में 2004 के बाद यानी 2003 में एमपी में उमाभारती के नेतृत्व में प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद । से ही । लगातार लोकसभा चुनाव में बीजेपी का जनाधार बड़ा है । इस बार के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को प्रचंड जीत मिली है। यही कारण है कि बीजेपी इस बार अपने सेफ सीटों से नए चेहरों पर दाव लगाकर सबको चौका सकती है। वही नए चेहरों पर बीजेपी के दाव का जवाब देने के लिए कांग्रेस इन सीटों पर दिग्गजों या क्षेत्रिय जातिगत समीकरण के आधार पर नेताओं को मैदान में उतारने की तैयारी है । खास बात ये है कि विधानसभा चुनाव से सबक लेकर अब कांग्रेस बीजेपी के चक्रव्यू में ही बीजेपी को उलझाने की तैयारी कर रही है । लेकिन देखना ये बेहद दिलचस्प होगा कि कांग्रेस का ये फॉर्मूला लोकसभा चुनाव में कितना कारगर साबित होगा।