भोपाल: 66 दिन बाद आखिरकार मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने चप्पल पहन ही लिया है। दरअसल, ग्वालियर की सड़कें सही नहीं थी और न हीं उनका निर्माण और न ही उनकी मरम्मत हो रही थी, ऐसे मे वे पिछले कई दिनों से इस बात से काफी नाराज थे।
इस कारण मंत्री जी ने एक दिन यह कहकर चप्पल-जूता को त्याग दिया था कि जब तक सड़कें नहीं बन जाती, वे अपने पैर में चप्पल-जूते नहीं पहनेंगे। ऐसे में अंत में मंत्री जी ने चप्पल पहन लिया और इसका एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें उन्हें चप्पल पहनते हुए देखा गया है।
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि पिछले 66 दिन से राज्य के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर चप्पल-जूता नहीं पहन रहे थे। वे खराब सड़कों को लेकर चप्पल-जूता को त्याग दिए थे। इस पर बोलते हुए उन्होंने कहा था, ‘‘जनता को तकलीफ हो रही है। सड़कों को सही करने के लिए सरकार ने समय रहते पैसा दिया और अधिकारियों को इसे तुरंत सही करने के लिए कहा। जिस जनता ने उन्हें चुना है, उनके सामने मैं सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर रहा हूं कि सड़कें नहीं बनी हैं और इसके लिए माफी भी मांग रहा हूं।’’
उन्होंने 20 अक्टूबर कोमआगे कहा था, ‘‘जनता को जो पीड़ा हो रही है, उसका अहसास मुझे भी होना चाहिए। इसलिए जब तक (ग्वालियर की) तीन सड़कें लक्ष्मण तलैया, गेंडे वाली सड़क और अस्पताल रोड की मरम्मत नहीं होंगी, तब तक मैं जूते-चप्पल नहीं पहनूंगा।’’
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पहनाया चप्पल
ऐसे में राज्य के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर द्वारा चप्पल-जूता को त्यागने के बाद इलाके में सड़कों की मरम्मत शुरू हो गई थी और अब उन सड़कों का काम पूरा होने वाला है। ऐसे में जब सड़कें ठीक होने वाली है तो नगर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया रविवार को ग्वालियर पहुंचे और मंत्री तोमर को चप्पल पहनाना चाहा है।
उन्होंने मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के सामने चप्पल रखा और उनसे आग्रह कर चप्पल पहनने को कहा है। इसके बाद मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने चप्पल पहन लिया।
ऐसे में इस पूरे मामले में बोलते हुए मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ‘‘प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जिन सड़कों के निर्माण के लिए चप्पलें छोड़ी थी, वो अब पूरी हो रही हैं। इन सड़कों के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री ने स्वीकृति दी और शानदार सड़कें बन रही हैं। जल्दी ही इनका उदघाटन किया जाएगा।’’
चप्पल पहनने के बाद तोमर ने कहा, ‘‘जिन लोगों को पीड़ा हुई, वे अब सड़कों पर अच्छी तरह चल सकेंगे और इसमें उन्हें आनंद की अनुभूति हो रही है।’’