MP Elections 2023: मध्य प्रदेश में पैदा होने वाले हर बच्चे को विरासत में मिलता है 40,000 रुपये का कर्ज, कांग्रेस का आरोप
By रुस्तम राणा | Published: October 30, 2023 09:13 PM2023-10-30T21:13:31+5:302023-10-30T21:13:31+5:30
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि भाजपा ने राज्य को कर्ज के सागर में धकेल दिया है, जहां पैदा होने वाले प्रत्येक बच्चे पर 40,000 रुपये का कर्ज होगा।
MP Assembly Elections 2023:कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने सोमवार को मध्य प्रदेश की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर हमला बोलते हुए दावा किया कि राज्य में भगवा शासन के 18 वर्षों में 250 से अधिक घोटाले हुए हैं और समाज का कोई भी वर्ग अछूते रहने में कामयाब नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने राज्य को कर्ज के सागर में धकेल दिया है, जहां पैदा होने वाले प्रत्येक बच्चे पर 40,000 रुपये का कर्ज होगा।
उन्होंने आरोप लगाया, ''करोड़ों रुपये के प्रवेश और भर्ती रैकेट व्यापम सहित 250 से अधिक घोटालों ने युवाओं का भविष्य बर्बाद कर दिया है। पटवारी भर्ती, स्कूल ड्रेस (खरीद) में 43 लाख बच्चों से जुड़ी अनियमितताएं और 50,000 फर्जी हैं समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा के 18 साल के शासन में मप्र में नकली शादियां सामने आई हैं। किसी भी क्षेत्र को नहीं छोड़ा गया है।
उन्होंने आगे दावा किया, ''2023-24 के बजट में राज्य का कर्ज और अन्य देनदारियां बढ़कर 4,22,009.37 करोड़ रुपये हो गई हैं। यानी एमपी का प्रति व्यक्ति कर्ज करीब 40,000 रुपये है और कर्ज की वृद्धि दर इससे भी ज्यादा है। राज्य की राजस्व प्राप्तियों की वृद्धि दर।”
उन्होंने कहा, "राज्य का राजस्व नहीं बढ़ रहा है, फिर दो साल के कोविड-19 को नजरअंदाज कर राज्य की विकास दर क्यों बढ़ाई जा रही है? इसका कारण यह है कि अगर ज्यादा विकास दिखाया जाता है तो ज्यादा कर्ज लिया जाता है। एक तो एक ओर, शिवराज सरकार कहती रही कि उसके कार्यकाल में राज्य हर जगह प्रगति कर रहा है, और उसका सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) तेजी से बढ़ रहा है। दूसरी ओर, केंद्र सरकार के नीति आयोग का कहना है कि लगभग 35 प्रतिशत मध्य प्रदेश की शत प्रतिशत जनता गरीबी रेखा से नीचे है।”
उन्होंने मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण का हवाला देते हुए बताया कि पांच साल से कम उम्र के 37 फीसदी बच्चे कुपोषित हैं। ''उज्ज्वला योजना गैस कनेक्शन उन लोगों को दिए गए जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करते हैं और ऐसे परिवारों की संख्या 82 लाख है। कृषि मंत्रालय की संसदीय समिति का कहना है कि मध्य प्रदेश में एक किसान प्रतिदिन 55 रुपये कमाता है।
समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से श्रीनेत ने कहा, स्वास्थ्य और सामाजिक सूचकांक बताते हैं कि राज्य को गरीबी के गर्त में धकेल दिया गया है, फिर यह विकास दर किसके लिए और कहां बढ़ रही है। उन्होंने यह कहकर निष्कर्ष निकाला कि मप्र के लोग कमल नाथ के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार के गठन की आशा कर रहे हैं क्योंकि वे जानते हैं कि वह राज्य में सर्वांगीण विकास लाएंगे और वह बहुत जरूरी निवेश भी लाएंगे।