शाह की ताकत बनाम राहुल की रणनीतिः कैलाश विजयवर्गीय से जुड़ी इस सीट पर अटक गई है बीजेपी-कांग्रेस दोनों की सुई

By मुकेश मिश्रा | Updated: November 25, 2018 11:59 IST2018-11-25T11:59:04+5:302018-11-25T11:59:04+5:30

इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवार जीतते और हारते रहे हैं, लेकिन हार का अंतर कभी बड़ा नहीं रहा. 2013 से पहले इस सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार अश्विनी जोशी लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं. 

MP election: Congress-BJP leaders eyeing Indore-3 assembly seat | शाह की ताकत बनाम राहुल की रणनीतिः कैलाश विजयवर्गीय से जुड़ी इस सीट पर अटक गई है बीजेपी-कांग्रेस दोनों की सुई

शाह की ताकत बनाम राहुल की रणनीतिः कैलाश विजयवर्गीय से जुड़ी इस सीट पर अटक गई है बीजेपी-कांग्रेस दोनों की सुई

इस बार मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के कई नेता दांव पर हैं. उनकी सीटों पर सभी की नजर है. इन सीटों में व्यावसायिक राजधानी इंदौर की तीन नंबर सीट भी शामिल है. क्योंकि यहां से भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश विजयवर्गीय मैदान में हैं.

कैलाश विजयवर्गीय ने यह टिकट अपनी महू सीट से दावेदारी त्याग कर ली है. उनके सामने कांग्रेस ने तीन बार विधायक रहे अश्विन जोशी को मैदान में उतारा है. मुकाबला बड़ा रोचक और कांटे का है.

इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवार जीतते और हारते रहे हैं, लेकिन हार का अंतर कभी बड़ा नहीं रहा. 2013 से पहले इस सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार अश्विनी जोशी लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं. उन्हें हमेशा कड़ा मुकाबला भाजपा से मिला.

2003 और 2008 के चुनाव में भी जोशी ने इस सीट पर विजयी प्राप्त की. जब कांग्रेस के खिलाफ जबरदस्त माहौल था. 2013 में भी वे कांग्रेस की तरफ से  मैदान थे, लेकिन मोदी लहर में वे चुनाव हार गए और भाजपा की उम्मीदवार उषा ठाकुर 13 हजार से अधिक मतों से चुनाव जीतीं. इस बार भी इस सीट पर जोशी कांग्रेस की तरफ से मैदान में हैं और उनके सामने दिग्गज भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश विजयवर्गीय खड़े हैं.

एक तरह से चुनाव अश्विनी जोशी और कैलाश विजयवर्गीय के बीच ही हो रहा है. भले ही विजयवर्गीय इस क्षेत्र में प्रचार करने नहीं जा रहे हों, लेकिन उनकी लम्बी-चौड़ी फौज जुटी हुई है. इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा के सभी बड़े नेताओं की नजर है. कश्मकश वाली इस सीट को निकालने के लिए विजयवर्गीय ने अपने संबंधों को भुनाना शुरू कर दिया है.

यही नहीं आकाश विजयवर्गीय के प्रचार के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से लेकर नेता और अभिनेताओं की फौज प्रचार कर रही है. भले ही कैलाश विजयवर्गीय चुनाव न लड़ रहे हों लेकिन उनका राजनीतिक जीवन दांव में लगा है. यह गौरतलब है कि कैलाश विजयवर्गीय ने 1990 से लेकर 2013 तक के विधानसभा चुनाव में कभी शिकस्त नहीं खाई.

भले ही उन्हें 2008 में ऐन मौके पर कांग्रेस के गढ़ महू से लड़ने भेज दिया गया हो तब भी. लेकिन अब चेहरा अलग है. जो चुनावी हुनर और वाक्पटुता कैलाश विजयवर्गीय में है वह उनके पुत्र में नहीं. सिर्फ पिता की विरासत से चुनावी वैतरणी पार करना आकाश के लिए आसान नहीं है.

Web Title: MP election: Congress-BJP leaders eyeing Indore-3 assembly seat

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