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मेरी पत्नी सांस लेने के लिए तड़प रही थी, ऑक्सीजन सप्लाई खत्म हो गई थी, पढ़ें एवरेस्ट फतह करने वाले शख्स की आपबीती

By रोहित कुमार पोरवाल | Updated: June 4, 2019 14:55 IST

शरद के मुताबिक, उनकी पत्नी ऑक्सीजन के लिए तड़प रही थीं, क्योंकि सप्लाई खत्म हो गई थी, वह बचाव दल का इंतजार कर रहे थे और पत्नी को मरता हुआ देख रहे थे। आखिर में पत्नी ने दम तोड़ दिया और शेरपा लाश के पास उन्हें घसीटकर वहां से ले गया।

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ठळक मुद्देएवरेस्ट फतह करने वाले शख्स ने रास्ते में पत्नी को खोने वाली दर्दनाक कहानी बताई।बीते 23 मई को एवरेस्ट पर चढ़ाई के दौरान 3 लोगों की मौत हो गई थी, उनमें महाराष्ट्र की अंजलि भी एक थीं।

दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करने का सपना हर पर्वतारोही देखता है। पुणे के कुलकर्णी कपल ने भी देखा था। 58 वर्षीय शरद कुलकर्णी ने एवरेस्ट फतह करने के रास्ते में हमेशा के लिए अपनी पत्नी को खो देने की दर्दनाक दस्तां मीडिया से साझा की है। शरद के मुताबिक, उनकी पत्नी ऑक्सीजन के लिए तड़प रही थीं, क्योंकि सप्लाई खत्म हो गई थी, वह बचाव दल का इंतजार कर रहे थे और पत्नी को मरता हुआ देख रहे थे। आखिर में पत्नी ने दम तोड़ दिया और शेरपा लाश के पास उन्हें घसीटकर वहां से ले गया। 

शरद कुलकर्णी के मुताबिक, वह अपनी पत्नी के साथ एवरेस्ट फतह करने का सपना पिछले पांच साल से संजो रहे थे।

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए शरद कुलकर्णी ने आंसू भरी आंखों के साथ याद करते हुए कहा कि अब उन्हें नहीं लगता है कि वह दुनिया की सात सबसे ऊंची चोटियों को फतह करने के लिए आगे बढ़ेंगे जैसा कि यह लक्ष्य उन्होंने अपनी पत्नी के साथ पूरा करने के लिए बनाया था। 

शरद ने बताया, ''मैं उसके (पत्नी) के साथ 15 मिनट ठहरा और मदद के लिए इंतजार किया। आखिर में जब उसने सांस लेना बंद कर दिया, मेरा शेरपा मुझे वहां से खींच ले गया क्यों कि हमारे पास भी ऑक्सीजन कम थी।''

बता दें कि बीती 23 मई को एवरेंस्ट पर चढ़ाई के दौरान जिन तीन लोगों की मौत हुई थी उनमें अंजलि के अलावा, ओडिशा की 49 वर्षीय कल्पना दास, पुणे के 27 वर्षीय निहाल भगवान शामिल थे। एवरेस्ट पर चढ़ाई के दौरान शरद कुलकर्णी अपनी पत्नी अंजलि के साथ फंस गए थे। 

उनके बेटे ने बताया कि शरद किसी तरह चोटी पर पहुंच पाए लेकिन उससे करीब 50 मीटर दूर अंजलि की मौत हो जाने से वह नहीं पहुंच पाईं। 

शरद ने बताया कि उनके घर में स्पोर्ट्स को लेकर माहौल है और वह हमेशा से ट्रेकिंग करते रहे हैं। उन्होंने बताया, ''किसी को विश्वास नहीं हो रहा कि वह अब इस दुनिया में नहीं है। हम लोगों ने 50 साल के बाद के जीवन पर एक किताब लिखने की योजना बनाई थी। हमने कई चीजों को साथ में करने की योजना बनाई थी, जैसे कि एवरेस्ट फतह करने बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस, इवेंट और सेलिब्रेशंस करने की योजना। अब यह सब बेकार है।''

शरद और अंजलि पहले मीडिया एजेंसी चलाते थे फिर एवरेस्ट की चढ़ाई की खातिर फुल टाइम ट्रेनिंग के लिए उन्होंने पिछले साल वह काम छोड़ दिया था। उन्होंने बताया, “हमने उम्र की सीमा पार करने बावजूद दार्जिलिंग के हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान में दाखिला लिया था। माउंट एवरेस्ट हमारा सपना था।''

टॅग्स :इंडियानेपालमहाराष्ट्रपुणे
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