माउंट एवरेस्ट की नई ऊंचाई 8848.86 मीटर, जानें क्यों फिर से मापी गई दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी?

By स्वाति सिंह | Updated: December 8, 2020 20:42 IST2020-12-08T20:39:09+5:302020-12-08T20:42:58+5:30

नेपाल और चीन ने विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट की संशोधित ऊंचाई मंगलवार को संयुक्त रूप से जारी की जो 8848.86 मीटर बताई गई है

Mount Everest stands tall at 8848.86 m, Why the world’s highest point was re-measured | माउंट एवरेस्ट की नई ऊंचाई 8848.86 मीटर, जानें क्यों फिर से मापी गई दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी?

सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा 1954 में की गई माप के अनुसार माउंट एवरेस्ट की मान्य ऊंचाई 8,848 मीटर है।

Highlightsमाउंट एवरेस्ट जो कि दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी है, अब पूर्व की गणना की तुलना में 0.86 मीटर (लगभग 2 फीट) अधिक है। पहले, चीन ने इसकी गणना 8,844.43 मीटर (29,017 फीट) की थी

काठमांडू:नेपाल और चीन की ओर से मंगलवार को संयुक्त रूप से घोषणा की गई कि विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट की संशोधित ऊंचाई 8848.86 मीटर है जो कि भारत द्वारा 1954 में मापी गई ऊंचाई से 86 सेंटीमीटर अधिक है। नेपाल सरकार ने एवरेस्ट की सटीक ऊंचाई मापने का निर्णय लिया था क्योंकि 2015 में आए भूकंप तथा अन्य कारणों से चोटी की ऊंचाई में बदलाव की अटकलें लगाई जा रही थीं।

चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ से जारी खबर में बताया गया कि चीन और नेपाल ने मंगलवार को घोषणा की है कि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8848.86 मीटर है। नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने काठमांडू में कहा कि नेपाल ने माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई फिर से मापी है जो 8848.86 मीटर है।

साल 2015 के भूकंप के बाद माउंट एवरेस्ट की मौदूदा ऊंचाई 8848 मीटर में बदलाव की अटकलों के बाद नेपाल ने इसे दोबारा नापने का अभियान शुरू किया था। साल 2019 में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेपाल दौरे के दौरान एक समझौता दोनों देशों के बीच हुआ जिसमें ये सहमति बनी कि दोनों देश संयुक्त रूप से दुनिया की सबसे ऊंची चोटी की हाइट की घोषणा करेंगे। बता दें कि भूकंप टेक्टोनिक प्लेटों के जगह में बदल्वर और शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि इस वजह से पर्वत की ऊंचाई पर भी प्रभाव पड़ सकता है। भूवैज्ञानिकों के अनुसार बड़ी तीव्रता वाले इस भूकंप की वजह से एवरेस्ट की ऊंचाई में बदलाव हो सकता है।

2010 में चीन ने नेपाल के दावे को मानते हुए पर्वत की ऊंचाई (8,848 मीटर) की स्थिति स्वीकार कर ली थी और दूसरी तरफ नेपाल ने भी चीन के चट्टान की ऊंचाई 8,844.43 मीटर होने के दावे को स्वीकार कर लिया। इससे पहले सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा 1954 में की गई माप के अनुसार माउंट एवरेस्ट की मान्य ऊंचाई 8,848 मीटर है। वहीं, 1975 में चीनी सर्वेक्षकों ने माउंट एवरेस्ट को मापा था और इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 8,848.13 मीटर ऊपर बतायी थी। दुनिया की इस सबसे लंबी चोटी को नेपाल में सागरमाथा के नाम से जाना जाता है।

इससे पहले भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा 1954 में एवरेस्ट की ऊंचाई 8848 मीटर मापी गई थी जो नई ऊंचाई के मुकाबले 86 सेंटीमीटर कम थी। चीन द्वारा पहले किए गए मापन में माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8844.43 मीटर थी जो नेपाल की गणना से चार मीटर कम थी। मीडिया में आई खबरों के अनुसार चीन के सर्वेक्षकों ने माउंट एवरेस्ट पर वैज्ञानिक अनुसंधान किया था और उसकी ऊंचाई 1975 में 8848.13 मीटर और 2005 में 8844.43 मीटर बताई थी। 

Web Title: Mount Everest stands tall at 8848.86 m, Why the world’s highest point was re-measured

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