जेल में क्षमता से अधिक कैदी, 2018 तक जेलों में कैदियों की कुल संख्या 4.68 लाख, स्वीकृत संख्या 3.83 लाखः कोर्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 7, 2020 20:44 IST2020-02-07T20:44:15+5:302020-02-07T20:44:15+5:30
न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कहा, ‘‘हम जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों और रिक्तियों को भरने के मुद्दों पर दो सप्ताह के बाद आदेश पारित करेंगे।’’

पीठ दो सप्ताह के बाद मामले की सुनवाई करेगी।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि ‘अदालतों का प्रदर्शन’ जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों की संख्या से जुड़ा है। न्यायालय ने कहा कि वह देश में 1,341 जेलों को प्रभावित करने वाले मुद्दे से निपटने के लिए दिशा-निर्देश पारित करेगा।
इन जेलों में कैदियों की संख्या 4.68 लाख है जबकि स्वीकृत संख्या 3.83 लाख है। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कहा, ‘‘हम जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों और रिक्तियों को भरने के मुद्दों पर दो सप्ताह के बाद आदेश पारित करेंगे।’’
पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘ अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ए एन एस नादकर्णी ने जेलों में रिक्तियों को भरने और क्षमता से अधिक कैदियों की संख्या तथा जेल सुधारों पर उच्चतम न्यायालय समिति की प्रांरभिक रिपोर्ट पर निर्देश के लिए समय देने का अनुरोध किया है। अनुरोध को स्वीकार किया जाता है। दो सप्ताह के बाद इसे रखें।’’
शीर्ष अदालत भारत में 1,382 जेलों में अमानवीय स्थितियों से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही है। शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति अमिताव रॉय समिति ने अपनी रिपोर्ट में देशभर की जेलों के समक्ष समस्याओं के बारे में रिपोर्ट दी है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘भारत में 30 नवम्बर, 2018 तक कुल 1,341 जेलें काम कर रही हैं और भारत में 30 नवम्बर, 2018 तक इन जेलों में कैदियों की कुल संख्या 4.68 लाख है जबकि स्वीकृत क्षमता 3.83 लाख है।’’ पीठ दो सप्ताह के बाद मामले की सुनवाई करेगी।