मॉनसून सत्र आज से, कांग्रेस समेत विपक्षी दल खेल सकते हैं अविश्वास प्रस्ताव पर दांव
By पल्लवी कुमारी | Published: July 18, 2018 05:20 AM2018-07-18T05:20:07+5:302018-07-18T07:36:42+5:30
विपक्षी दलों के नेताओं ने लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन को पत्र लिख कर कहा कि संसद के बजट सत्र के दौरान उभरी प्रवृत्ति पर काबू नहीं पाया गया तो यह देश के संवैधानिक लोकतंत्र के लिए घातक साबित हो सकता है।
नई दिल्ली, 18 जुलाई: संसद के बुधवार( 18 जुलाई) से मानसून सत्र शुरू हो रहे हैं। ऐसे में मोदी सरकार को यह डर सता रहा है कि क्या मॉनसून सत्र का भी वही हाल होगा जो बजट सत्र के दूसरे हिस्से का हुआ था। मानसून सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार( 17 जुलाई) को संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिये सभी दलों का सहयोग मांगा।
केन्द्र सरकार को संसद में कई दौर की बैठकों के बाद भी ये अंदेशा बना हुआ है. कांग्रेस से लेकर टीडीपी के अपने-अपने मुद्दे हैं और सरकार को घेरने की तैयारी भी है। संसद भवन में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में मोदी ने सभी दलों से सदन में मुद्दों को उठाने का आग्रह किया क्योंकि लोग उनसे ऐसी उम्मीद करते हैं।
हालांकि खबरें यह भी है कि कांग्रेस और दूसरे अहम विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस देंगे। असल में खबर है कि बीजेपी लीडरशिप अपने कई सांसदों को अगला लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट देने से इनकार कर सकती है। ऐसे में विपक्ष लोकसभा में मतदान के दौरान बीजेपी के आत्मविश्वास को कमजोर करने के लिए ये काम कर सकती है।
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सरकार ने दावा किया कि विपक्षी दलों ने संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने में सहयोग का आश्वासन दिया है। बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ''प्रधानमंत्री ने संसद के सुचारू और सार्थक सत्र के लिये सभी राजनीतिक दलों का सहयोग मांगा है। लोग उम्मीद करते हैं कि संसद में कामकाज हो और हम सभी को यह सुनिश्चित करना चाहिए।'' बैठक के दौरान विपक्षी दलों ने उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को आरक्षण नहीं प्रदान करने के विषय को उठाया।
इधर विपक्षी दलों के नेताओं ने लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन को पत्र लिख कर कहा कि संसद के बजट सत्र के दौरान उभरी प्रवृत्ति पर काबू नहीं पाया गया तो यह देश के संवैधानिक लोकतंत्र के लिए घातक साबित हो सकता है।
उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी पर आरोप लगाया कि उसने संविधान तथा नियमों की गरिमा को कम किया जिससे संसद तथा आसन की गरिमा कम हुई। उन्होंने लोकसभाध्यक्ष से पूछा कि क्या उन्होंने सदन के नेता को भी पत्र लिखकर ऐसी '' प्रवृत्ति पर पूर्ण रोक लगाने को कहा है। प्रधानमंत्री सदन के नेता हैं। बता दें कि सुमित्रा महाजन ने पिछले हफ्ते विपक्षी दलों को पत्र लिखकर संसद में लगातार व्यवधान पर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने विपक्ष से सहयोग की भी अपील की थी।
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( भाषा इनपुट)