मोदी मस्जिद 170 साल में पहली बार गैर-मुसलमानों के लिए खुली, विभिन्न धर्मों के 400 लोग पहुंचे

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 21, 2020 08:33 AM2020-01-21T08:33:55+5:302020-01-21T08:35:04+5:30

इस दौरान उन्होंने इस्लाम को लेकर अपने संदेहों पर सवाल किए. आयोजकों ने उनके संदेहों को दूर करने की कोशिश की. उनके लिए योग सत्र का भी आयोजन किया गया और उनको कुरान की प्रतियां भी भेंट की गईं. दरअसल, मुंबई के एक चैरिटेबल ट्रस्ट ने सोशल मीडिया पर गैर-मुस्लिम समुदायों को इस्लाम को समझने के लिए 'विजिट माई मॉस्क' नाम से खुला निमंत्रण दिया था.

Modi mosque opened to non-Muslims for the first time in 170 years, 400 people from different religions arrived in Bengaluru | मोदी मस्जिद 170 साल में पहली बार गैर-मुसलमानों के लिए खुली, विभिन्न धर्मों के 400 लोग पहुंचे

मोदी मस्जिद 170 साल में पहली बार गैर-मुसलमानों के लिए खुली, विभिन्न धर्मों के 400 लोग पहुंचे

Highlightsमोदी मस्जिद गैर मुसलमानों को इस्लाम के सिद्धांतों के बारे में बताया गया और कुरान की आयतें बुलवाई गईं. आयोजकों ने उन्हें इस्लाम के सिद्धांतों के अलावा प्रार्थना की विभिन्न मुद्राओं के बारे में जानकारी दी.

इस्लाम धर्म के बारे में फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए कर्नाटक के बेंगलुरु स्थित मोदी मस्जिद ने नायाब पहल की है. टस्कर टाउन स्थित यह मस्जिद 170 साल में पहली बार गैर-मुसलमानों के लिए खोली गई. रविवार को यहां हर धर्म के करीब 400 महिला-पुरुष पहुंचे. आयोजकों ने उन्हें इस्लाम के सिद्धांतों के अलावा प्रार्थना की विभिन्न मुद्राओं के बारे में जानकारी दी. मोदी मस्जिद गैर मुसलमानों को इस्लाम के सिद्धांतों के बारे में बताया गया और कुरान की आयतें बुलवाई गईं.

इस दौरान उन्होंने इस्लाम को लेकर अपने संदेहों पर सवाल किए. आयोजकों ने उनके संदेहों को दूर करने की कोशिश की. उनके लिए योग सत्र का भी आयोजन किया गया और उनको कुरान की प्रतियां भी भेंट की गईं. दरअसल, मुंबई के एक चैरिटेबल ट्रस्ट ने सोशल मीडिया पर गैर-मुस्लिम समुदायों को इस्लाम को समझने के लिए 'विजिट माई मॉस्क' नाम से खुला निमंत्रण दिया था.

इस ट्रस्ट ने क्रि श्चयन कॉलेज के छात्रों के लिए ऐसा ही एक इवेंट आयोजित किया था. चैरिटेबल ट्रस्ट के सादिक सैलानी ने कहा, ''मस्जिद के दरवाजे हर भारतीय के लिए खोले गए. हमने मुसलमानों और गैर मुसलमानों के बीच दूरी खत्म करने के लिए इसका आयोजन किया.''

उन्होंने कहा कि इस्लाम को लेकर उनकी गलतफहमी को दूर करने की कोशिश की गई और उनके हर सवाल के जवाब दिए गए. इस मस्जिद का पूरा नाम मोदी अब्दुल गफूर मस्जिद है. कारोबारी मोदी अब्दुल गफूर ने ही मस्जिद के लिए जमीन दान में दी थी. चैरिटेबल ट्रस्ट अगले महीने भी ऐसा ही आयोजन करना चाहता है.

English summary :
Modi mosque opened to non-Muslims for the first time in 170 years, 400 people from different religions arrived in Bengaluru


Web Title: Modi mosque opened to non-Muslims for the first time in 170 years, 400 people from different religions arrived in Bengaluru

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