मोदी ने ‘सबका साथ..सबका प्रयास’, ‘परिश्रम और पराक्रम’ जैसे नारों का किया उल्लेख
By भाषा | Updated: August 15, 2021 21:32 IST2021-08-15T21:32:57+5:302021-08-15T21:32:57+5:30

मोदी ने ‘सबका साथ..सबका प्रयास’, ‘परिश्रम और पराक्रम’ जैसे नारों का किया उल्लेख
नयी दिल्ली, 15 अगस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने प्रिय नारे ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ में ‘सबका प्रयास’ जोड़ने के साथ ही छोटे किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए एक नया नया वाक्यांश गढ़ा ‘छोटा किसान बने देश की शान।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में कई आकर्षक नारों का इस्तेमाल किया।
उन्होंने देश के युवाओं में अपने विश्वास को भी रेखांकित किया और यह ‘‘कर सकने वाली पीढ़ी (कैन डू जेनरेशन)’’ है, जो हर लक्ष्य को हासिल कर सकती है।
मोदी ने अपने लगभग 90 मिनट के भाषण के दौरान प्रत्येक नागरिक द्वारा 'नया भारत' के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एकसाथ आने पर जोर दिया, जिसकी कल्पना 'स्वतंत्रता की शताब्दी पर की गई है।
उन्होंने अगले 25 वर्ष का "अमृत काल" के रूप में उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इतना लंबा इंतजार नहीं कर सकता है, जिससे सभी के लिए इसके लिए प्रयास करना अनिवार्य हो जाता है।
उन्होंने अपने भाषण के अंत में एक कविता का पाठ किया, ‘‘यही समय है, सही समय है, भारत का अनमोल समय है।’’
उनकी कविता के शब्द आगे इस प्रकार हैं: "असंख्य भुजाओं की शक्ति है, हर तरफ देश की भक्ति है। तुम उठो तिरंगा लहरा दो, भारत का भाग्य फहरा दो...।
अगले 25 वर्षों के लिए रूपरेखा पेश करते हुए उन्होंने कहा कि देश को बदलना होगा और नागरिकों को भी मिलकर बदलना होगा।
मोदी ने कहा, "अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए हमें 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' और ‘सबका प्रयास’ की जरूरत है। इसे पूरा करने के लिए यह महत्वपूर्ण है।"
प्रधानमंत्री ने साथ ही नारे ‘संकल्प से सिद्धि तक’ का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हमें अगले 25 वर्षों के लिए अपना दृष्टिकोण निर्धारित करना होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘संकल्पों को साकार किया जा सकता है, यदि हम ‘परिश्रम और पराक्रम की परकाष्ठा’ प्राप्त करें।
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