मोदी सरकार का बड़ा फैसला, इस दिन रिहा होंगे 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र वाले कैदी
By भाषा | Published: July 19, 2018 11:40 AM2018-07-19T11:40:01+5:302018-07-19T11:40:01+5:30
सरकार ने देशभर की जेलों में बंद 55 साल या उससे अधिक की ऐसी महिला कैदियों और 60 साल या उससे अधिक के ऐसे पुरुष कैदियों जिन्होंने अपनी आधी सजा पूरी कर ली है उन्हें विशेष माफी योजना के तहत रिहा करने का आज फैसला किया। इसका लाभ कुछ अन्य श्रेणी के कैदियों को भी मिलेगा।
नई दिल्ली, 19 जुलाई। सरकार ने देशभर की जेलों में बंद 55 साल या उससे अधिक की ऐसी महिला कैदियों और 60 साल या उससे अधिक के ऐसे पुरुष कैदियों जिन्होंने अपनी आधी सजा पूरी कर ली है उन्हें विशेष माफी योजना के तहत रिहा करने का आज फैसला किया। इसका लाभ कुछ अन्य श्रेणी के कैदियों को भी मिलेगा।
विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के अवसर पर कारागारों से कैदियों को विशेष माफी देने के प्रस्ताव को आज मंजूरी दी।
हालांकि , दहेज हत्या , बलात्कार , मानव तस्करी और पोटा , यूएपीए , टाडा , धन शोधन कानून , फेमा और अन्य गंभीर अपराधों के दोषी कैदियों को इस योजना के तहत रिहा नहीं किया जाएगा।
कैदियों को विशेष माफी देकर उन्हें तीन चरणों में रिहा किया जाएगा। पहले चरण में कैदियों को 02 अक्टूबर , 2018 (महात्मा गांधी की जयंती) को रिहा किया जाएगा। दूसरे चरण में कैदियों को 10 अप्रैल , 2019 (चम्पारण सत्याग्रह की वर्षगांठ) को रिहा किया जाएगा। तीसरे चरण में कैदियों को 02 अक्टूबर , 2019 (महात्मा गांधी की जयंती) को रिहा किया जाएगा।
एक आधिकारिक वक्तव्य में बताया गया कि 55 वर्ष या इससे अधिक की महिला कैदी , आयु 55 वर्ष या इससे अधिक की किन्नर कैदियों और ऐसे पुरुष कैदी जिसकी आयु 60 वर्ष या इससे अधिक हो और जिसने अपनी 50 फीसदी वास्तविक सजा अवधि पूरी कर ली हो , उन्हें रिहा किया जाएगा।
ऐसे दिव्यांग / शारीरिक रूप से 70 प्रतिशत या इससे अधिक अक्षमता वाले कैदी जिन्होंने अपनी 50 फीसदी वास्तविक सजा अवधि पूरी कर ली है और ऐसे दोष सिद्ध कैदी जिन्होंने अपनी दो तिहाई (66%) वास्तविक सजा अवधि पूरी कर ली है , उन्हें भी रिहा किया जाएगा।
ऐसे कैदियों को विशेष माफी नहीं दी जाएगी जो मृत्युदंड की सजा काट रहे हैं अथवा जिनकी मृत्युदंड की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया है।
इसके अलावा दहेज हत्या , बलात्कार , मानव तस्करी और पोटा , यूएपीए , टाडा , एफआईसीएन , पॉक्सो एक्ट , धन शोधन , फेमा , एनडीपीएस , भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम आदि के तहत दोषियों को रिहा नहीं किया जाएगा।
वक्तव्य में कहा गया है कि गृह मंत्रालय सभी पात्र कैदियों के मामलों पर विचार करने के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को परामर्श जारी करेगा।
राज्य सरकार और केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन को इन मामलों की जांच के लिए एक समिति गठिन करने की सलाह दी जाएगी। राज्य सरकार इस समिति की सिफारिशों को राज्यपाल के पास विचार और संविधान की धारा 161 के तहत मंजूरी के लिए भेजेगी। मंजूरी मिलने के बाद कैदियों को 02 अक्टूबर 2018, 10 अप्रैल 2019 और 02 अक्टूबर 2019 को रिहा किया जाएगा।
वक्तव्य में कहा गया है कि महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती एक महत्वपूर्ण अवसर है और इस अवसर पर कैदियों की विशेष रिहाई वांछनीय एवं उपयुक्त है। यह राष्ट्रपिता और महात्मा गांधी के मानवतावादी मूल्यों को एक श्रद्धांजलि होगी।