मोदी सरकार ने राम मंदिर ट्र्स्ट गठन के लिए बढ़ाए कदम, PM कर सकते हैं अध्यक्षता, सोमनाथ मंदिर से भी अधिक होंगे ट्रस्टी

By हरीश गुप्ता | Published: November 12, 2019 08:19 AM2019-11-12T08:19:02+5:302019-11-12T08:19:02+5:30

दिलचस्प बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट के सदस्य तो हैं, लेकिन इसके अध्यक्ष नहीं. हालांकि अधिक संभावना है कि राम मंदिर ट्रस्ट की अध्यक्षता मोदी करेंगे और वह आजीवन सदस्य होंगे.

Modi government steps up for Ram temple trust formation, PM can preside, trustees to be more than Somnath temple | मोदी सरकार ने राम मंदिर ट्र्स्ट गठन के लिए बढ़ाए कदम, PM कर सकते हैं अध्यक्षता, सोमनाथ मंदिर से भी अधिक होंगे ट्रस्टी

मोदी सरकार ने राम मंदिर ट्र्स्ट गठन के लिए बढ़ाए कदम, PM कर सकते हैं अध्यक्षता, सोमनाथ मंदिर से भी अधिक होंगे ट्रस्टी

Highlightsराम मंदिर के लिए दस्तावेज तैयार करने के मकसद से कानून मंत्रालय देशभर के मंदिर ट्रस्टों के प्रावधानों का अध्ययन कर रहा है. सबसे अधिक संभावना है कि ट्रस्ट का आकार विशाल होगा, जिसमें प्रधानमंत्री शीर्ष पर होंगे.

सरकार राम मंदिर ट्रस्ट की स्थापना की प्रक्रिया जल्द शुरू करने वाली है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद इस संबंध में जल्द मंत्रिमंडल में प्रस्ताव लाएंगे. चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले पर अपने फैसले के तीन महीने के भीतर ट्रस्ट गठित करने का निर्देश दिया और संसद सत्र भी 18 नवंबर से शुरू होना है इसलिए सरकार इस प्रक्रिया को तेजी से पूरा करना चाहती है.

गुजरात के सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट जहां केंद्र और राज्य सरकार चार-चार ट्रस्टियों को नामित कर सकती है, वहीं राम मंदिर ट्रस्ट का गठन पूरी तरह से केंद्र सरकार करेगी. दिलचस्प बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट के सदस्य तो हैं, लेकिन इसके अध्यक्ष नहीं. हालांकि अधिक संभावना है कि राम मंदिर ट्रस्ट की अध्यक्षता मोदी करेंगे और वह आजीवन सदस्य होंगे. जहां सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट में आठ सदस्य हैं, वहीं राम मंदिर ट्रस्ट में अधिक ट्रस्टी होंगे.

राम मंदिर के लिए दस्तावेज तैयार करने के मकसद से कानून मंत्रालय देशभर के मंदिर ट्रस्टों के प्रावधानों का अध्ययन कर रहा है. सरकार ने दो मूलभूत बातों पर निर्णय करना होगा. राम मंदिर ट्रस्ट का कौन हिस्सा होगा और क्या मंदिर का निर्माण सरकारी फंड के जरिये किया जाएगा या यह लोगों की भागीदारी से होना चाहिए. फंडिंग रोचक मुद्दा होगा क्योंकि कई सारे हिंदू संगठन इसका हिस्सा बनना चाहेंगे.

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ऑन रिकॉर्ड कह चुके हैं कि राम मंदिर निर्माण संघ का काम नहीं, लेकिन यह राम मंदिर ट्रस्ट गठन के लिए निश्चित रूप से सरकार को सुझाव देगा. सबसे अधिक संभावना है कि ट्रस्ट का आकार विशाल होगा, जिसमें प्रधानमंत्री शीर्ष पर होंगे.

दिलचस्प बात यह है कि मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी तत्कालीन जवाहरलाल सरकार में खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री रहे के. एम. मुंशी ने उठाई थी जिसका उद्घाटन डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने किया था. हालांकि बाद में इसे एक ट्रस्ट के हवाले कर दिया गया.

अब सरकार के कदम का इंतजार :

राम मंदिर की फंडिंग के सवाल पर विहिप के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, ''विहिप अयोध्या में राम मंदिर के लिए स्तंभों और गुंबदों का 60 फीसदी काम पूरा कर चुका है. अब हम सरकार के कदम का इंतजार करेंगे.''

Web Title: Modi government steps up for Ram temple trust formation, PM can preside, trustees to be more than Somnath temple

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