मिशनरीज ऑफ चैरिटी में बच्चों की बिक्री पर बवाल, RSS की मांग- मदर टेरेसा से वापस लेना चाहिए भारत रत्न
By आदित्य द्विवेदी | Published: July 14, 2018 08:38 AM2018-07-14T08:38:22+5:302018-07-14T08:38:22+5:30
मदर टेरेसा को पिछले साल ही वेटिकन से संत की उपाधि मिली है। तुली ने कहा कि मदर टेरेसा ने कभी भी 'लोक कल्याण के लिए काम नहीं किया।'
रांची,14 जुलाईः झारखंड में मिशनरीज ऑफ चैरिटी के रांची स्थित निर्मल हृदय संस्थान से बच्चा बेचे जाने की खबर सामने आने के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं ने मदर टेरेसा पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि अगर मदर टेरेसा से जुड़ी इस संस्था से बच्चे बेचने की बात सही साबित होती है तो उनसे भारत रत्न सम्मान वापस ले लेना चाहिए। शुक्रवार को आरएसएस के प्रचारक राजीव तुली और बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने इस बातो को जोर-शोर से उठाया है। मदर टेरेसा को पिछले साल ही वेटिकन से संत की उपाधि मिली है। तुली ने कहा कि मदर टेरेसा ने कभी भी 'लोक कल्याण' के लिए काम नहीं किया। सुब्रमण्यम स्वामी ने भी इसका समर्थन किया है। इससे पहले ममता बनर्जी ने कहा था कि मदर टेरेसा को दुर्भावनावश बदनाम करने के लिए निशाना बनाया जा रहा है।
मदर टेरेसा ने बहुत मेहनत से मिशनरीज ऑफ चैरिटी संस्था बनाई थी और उन्हें संत का दर्जा मिला। समाज के सबसे पिछड़े और ऐसे लोगों के लिए इस संस्था की स्थापना हुई थी, जिसका दुनिया में अपना कोई नहीं। इसके लिए उन्हें भारत रत्न के साथ-साथ नोबेल पुरस्कार भी मिला। लेकिन, झारखंड की राजधानी रांची स्थित इस संस्था की संचालिका ने उनकी वर्षों की तपस्या को मिट्टी में मिला दिया। मिशनरीज ऑफ चैरिटी की यह शाखा बच्चों की खरीद-फरोख्त के बड़े केंद्र के रूप में बदनाम हो गई है। एक नवजात की बिक्री का खुलासा होने के बाद नित नए खुलासे हो रहे हैं।
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सूत्रों के अनुसार मिशनरीज ऑफ चैरिटी ने झारखंड के नवजातों को अवैध तरीके से कोलकाता, केरल, तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश की मिशनरीज की संस्थाओं में फादर, सिस्टर और नन बनाने के लिए भेजा है। अब इसी संस्था द्वारा नवजात शिशुओं को बेचे जाने की खबर सामने आने के बाद पूरे प्रदेश में पुलिस कारगर कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
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इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराये जाने की अनुशंसा राज्य के डीजीपी डीके पांडेय ने गृह सचिव से की है। डीजीपी ने अपने पत्र में कहा है कि यह एक गंभीर मामला है और मिशनरीज ऑफ चैरिटी से जुडे तमाम संस्थानों की जांच सीबीआई से करवाई जाए। प्राप्त जानकारी के अनुसार मिशनरीज ऑफ चैरिटी और इससे जुडी छह संस्थाओं को मिले विदेशी फंड के आअधार पर हीं सीबीआई से जांच कराने की अनुशंसा की गई है। गृह सचिव को भेजे पत्र में जिक्र है कि साल 2006 से 2011 तक इन संस्थाओं को द फॉरेन कंट्रीव्यूशन रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) के तहत विदेशों से 927.27 करोड़ रुपये मिले हैं।
*संवाद्दाता एस.पी. सिन्हा से Inputs लेकर
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