भारत-चीन के बीच सैन्य वार्ता के बाद विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया, कहा- दोनों पक्ष शांति व संयम बनाए रखने पर सहमत हुए

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: August 15, 2023 09:42 PM2023-08-15T21:42:27+5:302023-08-15T21:44:22+5:30

भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रशीम बाली ने किया। इस कोर का मुख्यालय लेह में है। चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर ने किया।

Ministry of External Affairs issued statement after military talks between India and China | भारत-चीन के बीच सैन्य वार्ता के बाद विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया, कहा- दोनों पक्ष शांति व संयम बनाए रखने पर सहमत हुए

भारत और चीन के बीच सैन्य वार्ता लगभग 10 घंटे चली

Highlightsभारत और चीन के बीच सैन्य वार्ता लगभग 10 घंटे चली वार्ता के संबंध में विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कियाकहा- दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति व संयम बनाए रखने पर सहमत हुए

नई दिल्ली:   भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने और क्षेत्र में तनाव कम करने के मद्देनजर सोमवार को नए दौर की सैन्य वार्ता की।  कोर कमांडर स्तरीय 19वें दौर की बातचीत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास भारतीय क्षेत्र में चुशुल-मोल्डो में हुई। नए दौर की सैन्य वार्ता में भारत ने पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को जल्दी हटाए जाने पर जोर दिया गया।

भारत-चीन सैन्य वार्ता के संबंध में विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की बैठक का 19वां दौर 13-14 अगस्त को भारतीय सीमा पर चुशुल-मोल्डो सीमा बैठक बिंदु पर आयोजित किया गया था। दोनों पक्षों के बीच पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर शेष मुद्दों के समाधान पर सकारात्मक, रचनात्मक और गहन चर्चा हुई। नेतृत्व द्वारा दिए गए मार्गदर्शन के अनुरूप, उन्होंने खुले और दूरदर्शी तरीके से विचारों का आदान-प्रदान किया गया। MEA ने कहा है कि दोनों पक्ष शेष मुद्दों को शीघ्रता से हल करने, बातचीत की गति बनाए रखने पर सहमत हुए।

कोर कमांडर स्तरीय 19वें दौर की वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने देपसांग मैदान और डेमचोक से जुड़े मुद्दों के समाधान पर विशेष रूप से जोर दिया। वार्ता सोमवार को सुबह करीब साढ़े नौ बजे शुरू हुई और करीब 10 घंटे तक चली। पूर्वी लद्दाख में कुछ बिंदुओं पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तीन साल से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है। हालांकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई स्थानों से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रशीम बाली ने किया। इस कोर का मुख्यालय लेह में है। चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर ने किया। इससे पहले, 23 अप्रैल को 18वें दौर की सैन्य वार्ता हुई थी जिसमें भारतीय पक्ष ने देपसांग और डेमचोक के लंबित मुद्दों पर जोर दिया था।

बता दें कि  भारत लगातार कहता रहा है कि जब तक सीमावर्ती इलाकों में शांति कायम नहीं होती, चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते। पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पांच मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध शुरू हो गया था। गलवान घाटी में जून 2020 में हुई झड़प के बाद दोनों देशों के संबंध काफी प्रभावित हुए। तब से लेकर अब तक दोनों देशों के बीच तनाव जारी है। इस समय भी चीन से लगती सीमा पर भारतीय सेना भारी हथियारों के साथ तैनात है। अनुमान है कि इस समय लगभग 60 हजार जवान चीन से लगती पूरी एलएसी पर तैनात हैं। 

Web Title: Ministry of External Affairs issued statement after military talks between India and China

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