पटनाः केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मंगलवार को आईआईटी पटना में आयोजित दीक्षांत समारोह में भाग लिया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में धर्मेंद्र प्रधान शामिल हुए। इस अवसर पर कुल 1320 छात्रों में से 811 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई। इस दौरान धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आईआईटी पटना पूर्वांचल और पूर्वी भारत का बड़ा संस्थान है। भारत सरकार इस संस्थान को और भी बेहतर बनाने के लिए लगभग 600 करोड़ रुपया देने का काम किया है। इस परिसर में और भी सुविधा बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि आईआईटी पटना के 12वें दीक्षांत समारोह में शामिल होना काफी अच्छा लगा।
धर्मेंद्र प्रधान ने सभी बच्चों और नौजवानों से आग्रह किया कि वे लोग जॉब में जाएं, लेकिन आज के समय में देश के लिए जॉब क्रिएटर की जरूरत है न की जॉब सीकर की। हमें पूरा भरोसा है कि आईआईटी पटना इस पर खरा उतरेगा। वहीं, समारोह में भाग लेने के बाद मीडिया से बात करते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि बिहार आना उन्हें हमेशा घर जैसा महसूस होता है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि दोनों के नेतृत्व में देश और राज्य तेजी से विकास की राह पर हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि जब भारत 2047 में अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मनाएगा, तब बिहार देश का नेतृत्व करने में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने विकास का मूल स्तंभ बताते हुए कहा कि चाहे आईआईटी हो, एनआईटी हो या विश्वविद्यालय, शिक्षा के क्षेत्र में बिहार की भूमिका हमेशा से महत्वपूर्ण रही है। बिहार के युवा देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं और भविष्य में यह योगदान और भी बढ़ेगा।
धर्मेंद्र प्रधान ने हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लाए गए विधेयक पर विपक्ष के हमलों पर भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “जिनके मन में खोट है, वही इस पर सवाल उठा रहे हैं।” उन्होंने स्पष्ट किया कि आजाद भारत में कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह विधेयक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया है, जहां सभी को अपनी बात रखने का अवसर मिलेगा। धर्मेंद्र प्रधान ने हाल की कुछ घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए इस कानून की आवश्यकता थी। इसबीच दीक्षांत समारोह में भाग लेने आए धर्मेंद्र प्रधान का कांग्रेस की छात्र विंग एनएसयूआई के कुछ छात्र अचानक से विरोध करना शुरू कर दिया। इस दौरान उनके द्वारा केन्द्रीय मंत्री को काला झंडा भी दिखाया गया। इसी दौरान भाजपा के कार्यकर्ता भी सक्रिय हो गए।
बताया जा रहा है कि, भाजपा के कार्यकर्ता और एनएसयूआई के सदस्यों के बीच हाथापाई भी हुई। इतना ही नहीं दोनों तरफ से गाली-गलौज भी शुरू हो गई। इसके बाद कुछ लोग बीच बचाव को आए और उसके बाद जाकर यह मामला शांत हुआ। लेकिन इस बीच दोनों तरफ से जमकर लात-जूते चले।
हालांकि केंद्रीय मंत्री अपनी सुरक्षा के साथ वहां से रवाना हो गए थे। दरअसल, एनएसयूआई कार्यकर्ता केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को काला झंडा दिखाने और नीट पेपर लीक जैसे मुद्दों पर विरोध जताने पहुंचे थे। उधर, सुबह-सुबह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मुख्यमंत्री आवास पहुंचे।
इस मुलाकात के दौरान उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, भाजपा विधान पार्षद संजय मयूख समेत कई एनडीए नेता मौजूद रहे। बिहार चुनाव से पहले एनडीए के दो बड़े नेताओं की यह बैठक बेहद अहम मानी जा रही है। माना जा रहा है कि आगामी चुनावी रणनीति और सीट शेयरिंग को लेकर इस मुलाकात में महत्वपूर्ण चर्चा हुई है।