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Milkipur By Election: चुनाव मैदान में नहीं कांग्रेस?, मिल्कीपुर उपचुनाव में सपा प्रत्याशी को समर्थन, अजय राय बोले-हम चुनाव नहीं लड़ रहे

By राजेंद्र कुमार | Updated: January 8, 2025 18:31 IST

Milkipur By Election: मिल्कीपुर में 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को चुनाव के नतीजे सामने आएंगे.

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ठळक मुद्देMilkipur By Election: मिल्कीपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव का ऐलान किया था. Milkipur By Election: मिल्कीपुर उपचुनाव में समाजवादी पार्टी का कांग्रेस समर्थन करेंगी.Milkipur By Election: सपा इस सीट पर मजबूती से चुनाव लड़ रही है.

Milkipur By Election: उत्तर प्रदेश की प्रतिष्ठित मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी चुनाव मैदान में नहीं उतरेगी. प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने लखनऊ में यह ऐलान किया है. अजय राय का कहना है कि लोकसभा चुनाव के बाद राज्य में नौ सीटों पर हुए उपचुनावों में कांग्रेस ने चुनाव नहीं लड़ा था और अब हम मिल्कीपुर उपचुनाव भी नहीं लड़ेंगे. इस सीट पर हम समाजवादी पार्टी (सपा) का साथ देंगे और प्रदेश में अपने पार्टी संगठन को मजबूत करने में जुटेंगे. मिल्कीपुर में 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को चुनाव के नतीजे सामने आएंगे.

मंगलवार को चुनाव आयोग ने दिल्ली विधानसभा के साथ ही मिल्कीपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव का ऐलान किया था. इस संबंध में यहां कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने मीडिया कर्मियों के बात करते हुए यहा कहा कि मिल्कीपुर उपचुनाव में समाजवादी पार्टी का कांग्रेस समर्थन करेंगी.

इस सीट पर हम चुनाव नहीं लड़ रहे हैं तो यह स्वाभाविक है कि इंडिया गठबंधन का जो दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के लिए चुनाव लड़ रहा है उसका सहयोग करेंगे. अजय राय का दावा है कि सपा इस सीट पर मजबूती से चुनाव लड़ रही है.

वह इस सीट पर सीएम योगी और भाजपा के अहंकार को तोड़ने में सक्षम है. सपा का पीडीए फार्मूला और कांग्रेस का साथ मिल्कीपुर में भाजपा को तगड़ा झटका देगा. अजय राय का यह भी कहना है कि कांग्रेस नेता मिल्कीपुर में सपा उम्मीदवार के पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगे.

मिल्कीपुर में भाजपा और सपा का सीधा मुक़ाबला

मिल्कीपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा और सपा के बीच ही सीधा मुक़ाबला होना है. कांग्रेस और बसपा इस इस सीट पर चुनाव ना लड़ने के कारण ऐसा होगा. सीएम योगी अयोध्या जिले में आने वाली इस सीट पर जीत हासिल कर के अपनी साख बढ़ाना चाहते हैं. वही दूसरी तरफ अखिलेश यादव इस सीट को सपा का गढ़ मानते हैं.

इसकी वजह है साल 1991 से अब तक भाजपा इस सीट से सिर्फ दो बार जीतना. इस विधानसभा सीट पर  करीब तीन लाख 58 हजार मतदाता हैं. यहां सबसे अधिक अनुसूचित जाति और फिर दूसरे नंबर पर पिछड़े वर्ग के मतदाता हैं.

अनुसूचित जाति वर्ग में पासी समाज और ओबीसी में यादव समाज सबसे प्रभावी हैं. इनके वोटों से इस सीट पर जीत हार तय होनी है. सपा ने अयोध्या सीट से पार्टी सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है. जबकि भाजपा ने अभी तक अपना उम्मीदवार तय नहीं किया है. 

टॅग्स :उपचुनावउत्तर प्रदेशकांग्रेसBJPसमाजवादी पार्टीलखनऊअयोध्याअखिलेश यादवराहुल गांधीयोगी आदित्यनाथ
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