जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी मुखिया महबूबा मुफ्ती के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया है। इस ट्वीट में हाल में रिहा किए गए नेताओं पर तंज कसा गया है। ट्वीट में लिखा है कि ऐसे ननेताओं को हिरासत से छूट मिली है जिन्हें कभी हिरासत में ही नहीं लिया गया।
गौरतलब है कि महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी के बाद से उनका ट्विटर अकाउंट उनकी बेटी इल्तिफा मुफ्ती चलाती हैं। शनिवार को एक ट्वीट में लिखा कि जम्मू कश्मीर के हालात पर सरकार सफेद झूठ बोल रही है। सरकार ने गुडविल जेस्चर में ऐसे नेताओं को रिहा किया है जिन्हें कभी हिरासत में ही नहीं लिया गया था।
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने पांच अगस्त को राज्य का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से हिरासत में लिये गये तीन नेताओं को बृहस्पतिवार को रिहा कर दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यावर मीर, नूर मोहम्मद और शोएब लोन को विभिन्न आधारों पर रिहा किया गया है।
रिहा किए जाने से पहले नूर मोहम्मद एक शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कर शांति बनाए रखने एवं अच्छे व्यवहार का वादा करेंगे। इससे पहले राज्यपाल प्रशासन ने पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के इमरान अंसारी और सैयद अखून को स्वास्थ्य कारणों से 21 सितंबर को रिहा किया था।
जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के केंद्र सरकार के पांच अगस्त के फैसले के बाद नेताओं, अलगाववादियों, कार्यकर्ताओं और वकीलों समेत हजार से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया था।
इनमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री- फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती शामिल हैं। करीब 250 लोग जम्मू-कश्मीर के बाहर जेल भेजे गए। फारुक अब्दुल्ला को बाद में लोक सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिया गया जबकि अन्य नेताओं को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत हिरासत में लिया गया।