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मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने किया किसान आंदोलन का समर्थन, बोले- किसानों को असंतुष्ट कर कोई देश आगे नहीं बढ़ सकता

By अनुराग आनंद | Updated: March 15, 2021 07:15 IST

भाजपा द्वारा दी जा रही दलील पर तंज करते हुए भाजपा नेता व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि बहुत शोर भी मचाया गया कि किसान दूसरी जगह कहीं भी (फसल) बेच सकते हैं। वह तो 15 साल पुराना कानून है, लेकिन उसके बावजूद मथुरा के किसान जब गेहूं लेकर पलवल जाते हैं तो उन पर लाठी चार्ज हो जाता है।

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ठळक मुद्देराज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि किसानों के बहुत से सवाल ऐसे हैं, जो हल होने चाहिए।सत्यपाल मलिक बोले कि मैंने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री दोनों से कहा कि किसानों को दिल्ली से खाली हाथ मत भेजना क्योंकि यह सरदार लोग 300 साल तक याद रखते हैं।

बागपत: मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने केंद्र के नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों व किसान आंदोलन का पक्ष लेते हुए रविवार को कहा कि जिस देश का किसान और जवान असंतुष्ट हो, वह कभी आगे नहीं बढ़ सकता।

मलिक ने यहां गृह जनपद में अपने अभिनंदन समारोह में कहा कि यदि केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी मान्यता दे देती है, तो प्रदर्शनकारी किसान मान जाएंगे। उन्होंने कहा, ''आज की तारीख में किसानों के पक्ष में कोई भी कानून लागू नहीं है।

"जिस देश का किसान और जवान असंतुष्ट होगा, वह देश आगे बढ़ ही नहीं सकता"

इस स्थिति को ठीक करना चाहिए। जिस देश का किसान और जवान असंतुष्ट होगा, वह देश आगे बढ़ ही नहीं सकता। उस देश को कोई बचा नहीं सकता। इसलिए, अपनी फौज और किसान को संतुष्ट करके रखिए।" मलिक ने किसानों की दशा का जिक्र करते हुए कहा, "इन बेचारों की स्थिति आप देखिए। वे लोग जो चीज (फसल) उपजाते हैं, उसके दाम हर साल घट जाते हैं और जो चीजें खरीदते हैं, उनके दाम बढ़ते जाते हैं।

मथुरा के किसान जब गेहूं लेकर पलवल जाते हैं तो उन पर लाठी चार्ज होती है: सत्यपाल मलिक

उन्हें तो पता भी नहीं है कि वे गरीब कैसे होते जा रहे हैं। वे जब (बीज की) बुवाई करते हैं, तब दाम कुछ होता है और जब फसल काटते हैं तब वह 300 रुपये कम हो जाता है।" नये कृषि कानूनों को सही ठहराने के लिए भाजपा द्वारा दी जा रही दलील पर तंज करते हुए मलिक ने कहा, "बहुत शोर भी मचाया गया कि किसान दूसरी जगह कहीं भी (फसल) बेच सकते हैं। वह तो 15 साल पुराना कानून है, लेकिन उसके बावजूद मथुरा के किसान जब गेहूं लेकर पलवल जाते हैं तो उन पर लाठी चार्ज हो जाता है।

मेघालय के राज्यपाल बोले कि किसानों के मामले में जितनी दूर तक जाना पड़ेगा, मैं जाऊंगा

सोनीपत का किसान जब नरेला जाता है, तो उस पर लाठी चार्ज हो जाता है।" उन्होंने कहा "किसानों के बहुत से सवाल ऐसे हैं, जो हल होने चाहिए। मैं अब भी इस कोशिश में हूं कि किसी तरह यह मसला हल हो। मैं आपको यकीन दिलाता हूं कि किसानों के मामले में जितनी दूर तक जाना पड़ेगा, मैं जाऊंगा। मुझे किसानों की तकलीफ पता है। उनकी पूरी इकोनॉमिक्स (अर्थव्यवस्था) के बारे में मालूम है। किसान इस देश में बहुत बुरे हाल में हैं।"

सत्यपाल मलिक बोले कि इंदिरा गांधी ने कहा था कि मैंने इनका अकाल तख्त तोड़ा है, वे मुझे छोड़ेंगे नहीं

मलिक ने ऑपरेशन ब्लू स्टार की घटना का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘...पता नहीं आप लोगों में से कितने लोग जानते हैं, लेकिन मैं सिखों को जानता हूं। श्रीमति गांधी (पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी) ने जब ऑपरेशन ब्लूस्टार चलाया, तो उन्होंने अपने फार्म हाउस पर एक महीना तक महामृत्युंजय यज्ञ कराया था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अरुण नेहरू ने मुझे बताया कि उन्होंने उनसे (इंदिरा गांधी से) पूछा कि आप यह तो नहीं मानती थीं, फिर आप यह क्यों करा रही हैं, तो उन्होंने जवाब दिया कि तुम्हें पता नहीं है, मैंने इनका अकाल तख्त तोड़ा है। वे मुझे छोड़ेंगे नहीं। उन्हें इलहाम था कि यह होगा।"

मेघालय के राज्यपाल बोले कि मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि उन पर बल प्रयोग मत करना

मलिक ने कहा, "अभी किसानों के मामले में जब मैंने देखा कि क्या-क्या हो रहा है, तो मैं खुद को रोक नहीं सका और मैंने अपनी बात रखी। मैंने प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) और गृहमंत्री (अमित शाह) दोनों से कहा कि मेरी दो प्रार्थनाएं हैं..एक तो यह कि इन्हें (प्रदर्शनकारी किसानों को) दिल्ली से खाली हाथ मत भेजना क्योंकि यह सरदार (सिख) लोग 300 साल तक (किसी बात को) याद रखते हैं। दूसरा यह कि उन पर बल प्रयोग मत करना।

किसानों को अपमानित कर दिल्ली से भेजना...गलत रास्ता होगा

जिस दिन (किसान नेता) राकेश टिकैत की गिरफ्तारी का शोर मचा हुआ, उस वक्त भी मैंने हस्तक्षेप कर उसे रुकवाया था।" उन्होंने कहा, "अभी कल मैं एक बहुत बड़े पत्रकार से मिलकर आया हूं, जो प्रधानमंत्री के बहुत अच्छे दोस्त हैं। मैंने उनसे कहा कि मैंने तो कोशिश कर ली, अब तुम उन्हें समझाओ। किसानों को अपमानित कर दिल्ली से भेजना...गलत रास्ता है। सिर्फ एमएसपी को कानूनी तौर पर मान्यता दे दी जाए, तो सारा मामला ठीक हो जाएगा।’’ 

(एजेंसी इनपुट)

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