लखनऊ: नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर विवाद जारी है। इस बीच उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने गुरुवार को नए संसद भवन के उद्घाटन का समर्थन किया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "केंद्र में पहले चाहे कांग्रेस पार्टी की सरकार रही हो या अब वर्तमान में भाजपा की, बसपा ने देश व जनहित निहित मुद्दों पर हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उनका समर्थन किया है।"
उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए लिखा, "28 मई को संसद के नये भवन के उद्घाटन को भी पार्टी इसी संदर्भ में देखते हुए इसका स्वागत करती है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा नए संसद का उद्घाटन नहीं कराए जाने को लेकर बहिष्कार अनुचित है। सरकार ने इसको बनाया है इसलिए उसके उद्घाटन का उसे हक है। इसको आदिवासी महिला सम्मान से जोड़ना भी अनुचित है।"
मायावती ने आगे लिखा, "यह उन्हें निर्विरोध न चुनकर उनके विरुद्ध उम्मीदवार खड़ा करते वक्त सोचना चाहिए था। देश को समर्पित होने वाले कार्यक्रम अर्थात नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का निमंत्रण मुझे प्राप्त हुआ है, जिसके लिए आभार और मेरी शुभकामनायें। किन्तु पार्टी की लगातार जारी समीक्षा बैठकों सम्बंधी अपनी पूर्व निर्धारित व्यस्तता के कारण मैं उस समारोह में शामिल नहीं हो पाऊंगी।"
कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना (यूबीटी), आम आदमी पार्टी (आप) सहित 19 विपक्षी दलों ने 28 मई को होने वाले उद्घाटन समारोह के बहिष्कार करने की घोषणा की है। विपक्षी दलों ने इस बात पर जोर दिया कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए, प्रधानमंत्री द्वारा नहीं। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर है।