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मणिपुर की घटना को लेकर बोलीं मायावती- अब जो राजनीति की जा रही वह अनुचित और चिंतनीय

By मनाली रस्तोगी | Updated: July 21, 2023 11:58 IST

मणिपुर में एक समुदाय के लोगों की भीड़ द्वारा दूसरे समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की चार मई की घटना का वीडियो सामने आने के बाद राज्य के पर्वतीय हिस्से में स्थिति तनावपूर्ण हो गई है और मामले पर तीखी प्रतिक्रिया हो रही है।

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ठळक मुद्देमणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं।मायावती ने मणिपुर में भीड़ द्वारा दो महिलाओं को कथित तौर पर निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले को अत्यंत दुखद और शर्मनाक करार दिया।उन्होंने कहा कि मणिपुर में महिलाओं के साथ भीड़ द्वारा जो दरिंदगी की गई, वह अत्यंत ही दुखद, शर्मनाक तथा दिल को दहलाने वाली घटना है।

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मणिपुर में भीड़ द्वारा दो महिलाओं को कथित तौर पर निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले को अत्यंत दुखद और शर्मनाक करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि घटना को लेकर अब जो राजनीति की जा रही है वह भी अनुचित और चिंतनीय है। 

बसपा प्रमुख ने शुक्रवार को अपने ट्वीट में कहा, "मणिपुर में महिलाओं के साथ भीड़ द्वारा जो दरिंदगी की गई, वह अत्यंत ही दुखद, शर्मनाक तथा दिल को दहलाने वाली घटना है। राज्य व केन्द्र की सरकार को भी ऐसे आपराधिक तत्वों को इतनी सख्त सजा दिलवानी चाहिए कि इस प्रकार के जघन्य अपराध की आगे कहीं भी पुनरावृत्ति ना हो सके।" 

अपने सिलसिलेवार ट्वीट में मायावती ने कहा, "लेकिन इस घटना को लेकर अब जो राजनीति की जा रही है वह भी अनुचित एवं चिंतनीय। संसद में इस पर जरूर सार्थक चर्चा होनी चाहिए। इस घटना का माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी खुद संज्ञान लिया है, जिसे दबाया नहीं जा सकता है। अर्थात् मणिपुर की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर सभी को गंभीर होना जरूरी।" 

मणिपुर में एक समुदाय के लोगों की भीड़ द्वारा दूसरे समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की चार मई की घटना का वीडियो सामने आने के बाद राज्य के पर्वतीय हिस्से में स्थिति तनावपूर्ण हो गई है और मामले पर तीखी प्रतिक्रिया हो रही है। वीडियो में दिख रहा है कि अन्य पक्ष के कुछ व्यक्ति एक समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड करा रहे हैं।

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। तब से अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।

(भाषा इनपुट के साथ)

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