माता वैष्णो देवीः कोरोना के कारण श्रद्धालु हुए कम, रोज 15000 ही कर रहे दर्शन

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: December 8, 2020 18:42 IST2020-12-08T18:41:00+5:302020-12-08T18:42:07+5:30

वैष्णो देवी तीर्थ स्थानः कोरोना महामारी के कारण पर्यटक कम आ रहे हैं। प्रशासन ने कहा कि कोविड के कारण 15 हजार श्रद्धालु ही दर्शन कर पाएंगे।

Mata Vaishno Devi Devotees reduced due Corona doing only 15000 darshan daily jammu kashmir | माता वैष्णो देवीः कोरोना के कारण श्रद्धालु हुए कम, रोज 15000 ही कर रहे दर्शन

हालत यह है कि श्राइन बोर्ड ने आने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा भी अभी एकत्र नहीं किया है। (file photo)

Highlights कोरोना महामारी के चलते वैष्णो देवी यात्रा में भारी कमी निरंतर जारी है। पांच दिसंबर को 3,000 श्रद्धालुओं ने वैष्णो देवी के चरणों में हाजिरी लगाई थी।

जम्मूः वैष्णो देवी के तीर्थ स्थान पर आने वाले इस बार शायद ही कोई रिकार्ड बना पाएं, क्योंकि कोरोना के चलते फिलहाल 15 हजार को शामिल होने की अनुमति है।

 

जबकि पिछले साल भी 12 लाख श्रद्धालु वर्ष 2018 के आंकड़ों के मुकाबले कम आए थे। माता वैष्णो देवी यात्रा में वैसे तो पूरे साल श्रद्धालुओं में खासा उत्साह रहता है, लेकिन सितंबर से 15 दिसंबर के बीच श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आ जाती है।

इस बार तो कोरोना के कारण अनलाक 6 से हालांकि 15 हजार श्रद्धालुओं को दर्शनार्थ शिरकत करने की अनुमति तो मिली हुई है पर सर्दी तथा प्रदेश में प्रवेश करने पर लगी हुई अप्रत्यक्ष पाबंदियों के चलते यात्रा में शिरकत करने वालों का आंकड़ा 900 से 3000 के बीच ही झूल रहा है।

हालांकि बीते दो दिन से बदले मौसम के चलते लगातार जारी सर्द दवाओं के बावजूद वैष्णो देवी यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं के हौसले पूरी तरह से बुलंद हैं और श्रद्धालु गर्म कपड़े पहने अपने परिजनों के साथ निरंतर वैष्णो देवी भवन की ओर रवाना हो रहे हैं। कोरोना महामारी के चलते वैष्णो देवी यात्रा में भारी कमी निरंतर जारी है।

हालाकि श्रद्धालुओं के लिए ट्रेन सेवा शुरू हो गई है, परंतु वर्तमान में बड़ी कम संख्या में श्रद्धालु ट्रेन द्वारा आधार शिविर कटड़ा पहुंच रहे हैं, जिसके चलते वैष्णो देवी भवन के साथ ही आधार शिविर कटड़ा सूना पड़ा हुआ है। कस्बे के अधिकांश व्यापारिक प्रतिष्ठान भी फिलहाल बंद पड़े हुए हैं। बीते पांच दिसंबर को 3,000 श्रद्धालुओं ने वैष्णो देवी के चरणों में हाजिरी लगाई थी।

वहीं, 6 दिसंबर को 1,500 श्रद्धालु दरबार पहुंचे थे। इस साल हालत यह है कि श्राइन बोर्ड ने आने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा भी अभी एकत्र नहीं किया है। दरअसल तीन महीनों के लाकडाउन के बाद पहली बार दो हजार श्रद्धालुओं को आने की अनुमति तो मिली पर इसमें प्रदेश के बाहर के श्रद्धालुओं का कोटा नगण्य ही था।

अब भी सबसे बड़ी दिक्कत प्रदेश के प्रवेश द्वार लखनपुर में को पार करने की दिक्कतें, यात्री वाहनों के न चलने के अतिरिक्त आनलाइन पंजीकरण जैसे कई कारण श्रद्धालुओं के कदमों को रोक रहे हैं। यह बात अलग है कि पिछले साल यात्रा में भक्तों के कम आने के कई कारण रहे हैं। कमी के बहुतेरे कारण रहे हैं जिनमें जनवरी 2019 में प्रयागराज में हुए महाकुंभ, फरवरी में पुलवामा आतंकी हमला, उसके उपरांत भारत व पाक के बीच तनाव, फिर लोकसभा चुनाव और अगस्त में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटना प्रमुख था।

यूं तो यात्रा 12 माह चलती रहती है। अप्रैल से अगस्त तक यात्रा में तेजी रहती है। इन महीनों में रोजाना 35 से 45 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं, लेकिन सितंबर से 15 दिसंबर तक यात्रा का आंकड़ा गिर कर आधा रह जाता है। 15 से 20 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। हालांकि पर्यटन विभाग, माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अलावा होटल रेस्तरां संघ व अन्य संगठन भी यात्रा वृद्धि के प्रयास में जुटे हैं कि यात्रा में अधिक श्रद्धालुओं को आने की अनुमति दी जाए और अघोषित पाबंदियों को हटाया जाए।

Web Title: Mata Vaishno Devi Devotees reduced due Corona doing only 15000 darshan daily jammu kashmir

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