नई दिल्ली: पाकिस्तान इन दिनों आर्थिक बदहाली का सामना कर रहा है। महंगाई 25% की रफ्तार से बढ़ रही है। विदेशी मुद्रा भंडार 8 साल में सबसे कम बचा है। डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया निचले स्तर पर चला गया है और पाकिस्तान के ऊपर कर्ज का बोझ जीडीपा का 78% हो गया है। हालात ऐसे हैं कि लोग सड़क पर उतर कर खाने-पीने के सामान के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।
इसी बीच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्केंडेय काटजू ने पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली पर ऐसा ट्वीट कर दिया जो चर्चा में आ गया। ट्वीट में मार्केंडेय काटजू ने लिखा, "पाकिस्तान में बिजली नदारद, गैस नदारद, मोबाइल का सिग्नल नदारद, नौकरी नदारद। लगता है कि ये लोग रोज पांच बार नमाज नहीं पढ़ते, तभी अल्लाह इनसे खफा हैं।"
पाकिस्तान की अर्थव्यस्था पर चुटकी लेते हुए किए गए मार्केंडेय काटजू के ट्वीट पर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रिया आई। जहां कुछ लोगों ने मार्केंडेय काटजू के ट्वीट को एक धर्म विशेष पर की गई टिप्पणी बताया वहीं कुछ लोगों ने पाकिस्तान की सरकार को वहां के मौजूदा हालात के लिए जिम्मेदार बताया।
बता दें कि पाकिस्तान अपनी जरूरत के ज्यादातर सामान विदेश से आयात करता है। विदेशी मुद्रा भंडार में भारी कमी के कारण आयात में मुश्किलें आ रही हैं और इससे देश में जरूरी सामानों को भी कमी आ गई है। हालात ऐसे हैं कि 20 किलोग्राम के आटे का पैकेट कराची में तीन हजार रुपये में मिल रहा है जबकि इस्लामाबाद में 1300 पाकिस्तानी रुपये में।
इस्लामाबाद में प्याज की कीमतें 240-280 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं जबकि बाकी शहरों में प्याज 180 से 220 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रही है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 4.5 अरब डॉलर से कम हो गया है। आर्थिक बदहाली के बीच पाकिस्तान में कई लोग मांग कर रहे हैं कि भारत से कारोबारी रिश्ता बहाल करना चाहिए। इससे बढ़ती महंगाई को काबू में किया जा सकता है।