पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने पीएमसी खाताधारकों की आवाज उठाई है। महाराष्ट्र में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री से इस संबंध में गंभीरता से विचार करने की अपील करता हूं। 16 लाख प्रभावित लोगों की समस्या का समाधान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को आरबीआई के साथ मिलकर एक ऐसा रास्ता निकालना चाहिए जिससे खाताधारकों को न्याय मिल सके।
डॉ मनमोहन सिंह ने बीजेपी सरकार की आर्थिक नीतियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बीजेपी ने जिस डबल इंजन मॉडल की सरकार का प्रचार करके वोट हासिल किए थे वो फेल हो गया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र पर आर्थिक सुस्ती का बहुत बुरा असर हुआ है। महाराष्ट्र की मैनुफैक्चरिंग ग्रोथ रेट में लगातार चौथे साल गिरावट देखी गई है।
मनमोहन सिंह ने आईएमएफ के बयान का हवाला देते हुए कहा कि इस वित्त वर्ष में भारत की ग्रोथ रेट 6.1 कही गई है। कुछ महीने पहले 7.3 का अनुमान लगाया गया था। अगर आर्थिक वृद्धि इसी दर से घटती रही तो 2014 तक पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी का सपना पूरा नहीं हो पाएगा।
क्या है पीएमसी बैंक घोटाला?
पंजाब ऐंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (PMC) बैंक में फाइनैंशल फ्रॉड लगभग एक दशक से चल रहा था। मैनेजमेंट के कुछ लोगों ने मिलकर 4,226 करोड़ रुपये (बैंक के कुल लोन का 73% हिस्सा) सिर्फ एक ही कंपनी HDIL को दिए थे, जो अब दिवालिया हो गई है। आरोप के मुताबिक पीएमसी बैंक के मैनेजमेंट ने अपने नॉन परफॉर्मिंग एसेट और लोन वितरण के बारे में आरबीआई को गलत जानकारी दी।
आरबीआई ने इसके कामकाज पर रोक लगा दी साथ ही खाताधारकों को पैसे निकालने पर सीमा लगा दी। पहले आरबीआई ने बैंक के हर खाते से निकासी की ऊपरी सीमा 1,000 रुपये तय की थी जिसे बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया। इसके बाद यह सीमा 25 हजार कर दी गई और अब यह लिमिट 40 हजार रुपये हो गई है।