मणिपुर: "सारी हिंसा के पीछे नशीली दवाओं की तस्करी, अवैध पोस्त की खेती है", मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 27, 2023 02:19 PM2023-07-27T14:19:07+5:302023-07-27T14:22:20+5:30
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बीते 3 मई से मैतेई और कूकी समुदाय के बीच जारी हिंसा को हिंदू और ईसाई के बीच का विवाद मानने से इनकार करते हुए कहा कि इस बात का भ्रम फैलाया जा रहा है, जबकि सच्चाई कुछ और ही है।
इंफाल: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बीते 3 मई से मैतेई और कूकी समुदाय के बीच जारी हिंसा को हिंदू और ईसाई के बीच का विवाद मानने से इनकार करते हुए कहा कि इस बात का भ्रम फैलाया जा रहा है, लेकिन यह पूरी तरह से झूठ है। हिंसा और तनाव के इस भारी माहौल के बीच मणिपुर में कई चर्च आज भी पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने बीते बुधवार को कारगिल दिवस के मौके पर कहा कि मणिपुर की जातीय हिंसा का मुद्दा यूरोपीय संसद में उठाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके साथ ही उन्होंने मिजोरम के पड़ोसी राज्यों की भी इस बात के लिए आलोचना की कि वो राज्य के आंतरिक मुद्दे में दखल देने का प्रयास कर रहे हैं। सीएम सिंह ने कहा कि मणिपुर की हिंसा के लिए सीधे तौर पर विदेशी ताकतें जिम्मेदार हैं और सारा कुछ उनकी योजना के अनुसार हुआ है क्योकि वो सीमावर्ती मणिपुर को हथियाने की कोशिश कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, "सारी हिंसा के पीछे मूल विवाद नशीली दवाओं की तस्करी, अवैध पोस्त की खेती, सत्ता हथियाने की कोशिश है। प्रायोजित हिंसा से राज्य की एकता के विघटित की साजिश रची जा रही है। सरकार को कुकी भाइयों और बहनों के प्रति कोई शिकायत नहीं है।"
सीएम बीरेन सिंह ने पोड़सी राज्य मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा का जिक्र करते हुए कहा, "मिजोरम लंबे संघर्ष के बाद असम से अलग होकर नया राज्य बना लेकिन मणिपुर का इतिहास 2,000 वर्षों का है। हमने बर्मा, चीन के कई दुश्मनों का सामना किया है और मजबूती से खड़े रहे हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए और ज़ोरमथांगा को भी यह नहीं भूलना चाहिए।"
इसके साथ ही मणिपुर के मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा स्थिति में यहां हिंदू और ईसाई के बीच कोई टकराव नहीं है और मणिपुर में बहुत सारे चर्च सुरक्षित हैं। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि वे रो रहे हैं और मनगढ़ंत कहानियां बना रहे हैं, खुद को पीड़ित के रूप में पेश कर रहे हैं और इस मुद्दे को यूरोपीय संसद में उठा रहे हैं।
बीरेन सिंह ने बेहद सख्त लहजे में कहा, "मणिपुर के खिलाफ जो साजिश हो रही है, उसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे। जो इस विवाद को विदेशों में फैल रहे हैं, क्या वो यूरोपीय देश जमीनी हकीकत के बारे में जानते हैं? क्या वे मणिपुर के बारे में जानते थे? उन्होंने भारत को नष्ट कर दिया, उन्होंने मणिपुर को बर्बाद कर दिया है।"
उन्होंने आखिर में कहा, "मैं मणिपुर के लोगों से यही कहना चाहता हूं कि हम जिस युद्ध का सामना कर रहे हैं वह राज्य सरकार के खिलाफ एक सुनियोजित युद्ध है। युद्ध करने वालों ने किताबें लिखी हैं और इंफाल घाटी तक का सीमांकन किया है। हमें इसकी जानकारी नहीं थी। उन्होंने रणनीतियां बनाईं, जिनमें इंफाल घाटी भी शामिल है। उन्हें देश के बाहर के आतंकवादियों का भी समर्थन प्राप्त है।"