तृणमूल-भाजपा की नूराकुश्ती में मणिपुर हिंसा और बंगाल हिंसा बना अखाड़ा, दोनों एक-दूसरे को फैक्ट-फाइंडिंग टीम के जरिये लगे घेरने में

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 11, 2023 02:50 PM2023-07-11T14:50:00+5:302023-07-11T14:54:15+5:30

पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच चल रही सियासी नूरा-कुश्ती में मणिपुर हिंसा और पंचायत चुनाव में हुई हिंसा राजनीति का अखाड़ा बनती जा रही है।

Manipur violence and Bengal violence became the arena in Trinamool-BJP's noorakushti, both engaged in besieging each other through fact-finding teams | तृणमूल-भाजपा की नूराकुश्ती में मणिपुर हिंसा और बंगाल हिंसा बना अखाड़ा, दोनों एक-दूसरे को फैक्ट-फाइंडिंग टीम के जरिये लगे घेरने में

तृणमूल-भाजपा की नूराकुश्ती में मणिपुर हिंसा और बंगाल हिंसा बना अखाड़ा, दोनों एक-दूसरे को फैक्ट-फाइंडिंग टीम के जरिये लगे घेरने में

Highlightsतृणमूल और भाजपा के बीच चल रही सियासी नूरा-कुश्ती में बंगाल और मणिपुर हिंसा अखाड़ा बन गई हैभाजपा बंगाल में फैक्ट फाइंडिंग टीम भेज रही है, वहीं तृणमूल भी मणिपुर में अपनी टीम भेज रही हैइस बात को लेकर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस में भयंकर रार मची हुई है

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच चल रही सियासी नूरा-कुश्ती उस समय विवादास्पद रूप से आमने-सामने आ गई, जब भाजपा ने पंचायत चुनाव में हुई हिंसा के लिए भाजपा ने सोमवार देर शाम चार सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग टीम गठित करने का ऐलान किया।

वहीं तृणमूल कांग्रेस ने भी बीते सोमवार को ही भाजपा को घेरते हुए घोषणा की थी कि उसकी पार्टी का चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मणिपुर हिंसा में प्रभावित लोगों तक पहुंचने के लिए 14 जुलाई को मणिपुर का दौरा करेगा।

इस बात को लेकर भाजपा और तृणमूल में भयंकर रार मची हुई है। एक तरफ तृणमूल आरोप लगा रही है कि मणिपुर में हो रहे सामुदायिक संघर्ष में भाजपा का हाथ है वहीं पंचायत चुनाव को लेकर भाजपा भी तृणमूल पर हिंसा का आरोप लगा रहा है।

जानकारी के अनुसार भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने जिस चार सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग टीम का गठन किया है वो रविशंकर प्रसाद की अगुवाई में मंगलवार की सुबह कोलकाता पहुंचेगी और हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा करके दिल्ली लौटेगी, जहां टीम भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

वहीं 14 जुलाई को तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन, डोला सेन और लोकसभा सांसद काकोली घोष दस्तीदार और कल्याण बनर्जी की टीम मणिपुर का दौरा करेगी और अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पेश करेगी।

तृणमूल कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र और मणिपुर में भाजपा की बीरेन सिंह वाली सरकारों की "विभाजनकारी" नीतियों के कारण मणिपुर में बीते 3 मई से जारी जातीय हिंसा अब भी ठहरने का नाम नहीं ले रही है।

इस संबंध में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में भाजपा की मणिपुर सरकार और केंद्र पर हमला करते हुए कहा कि मणिपुर में उनकी विभाजनकारी राजनीति के कारण सूबे में शांति बहाली नहीं हो पा रही है। इसके साथ ही तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने यह भी दावा किया था कि उन्होंने केंद्र को मणिपुर जाने की अनुमति देने के लिए लिखा था लेकिन केंद्र की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।

मणिपुर में तृणमूल प्रतिनिधिमंडल भेजे जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बंगाल भाजपा ने कहा कि तृणमूल को मणिपुर जाने से पहले उन जिलों में खोजी दल भेजना चाहिए, जहां 8 जुलाई को पंचायत चुनाव के मतदान में 15 लोगों की जान चली गई थी।

भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, "8 जून को पंचायत चुनाव में हुई इतने सारे लोगों की मौत के बाद तृणमूल को पहले बंगाल के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में अपने नेताओं को भेजना चाहिए, ताकि वो पीड़ितों परिवारों की व्यथा जान सकें।"

Web Title: Manipur violence and Bengal violence became the arena in Trinamool-BJP's noorakushti, both engaged in besieging each other through fact-finding teams

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