इंफाल: मणिपुर में राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के सदस्यों द्वारा जबरन वसूली के एक मामले में म्यांमार के एक नागरिक सहित तीन लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है।
एनआईए स्पेशल कोर्ट, इम्फाल में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के तीन कैडरों (पीपुल्स रिवोल्यूशनरी आर्मी), केसीपी (कांगलेइपक कम्युनिस्ट पार्टी), पीआरईपीएके (पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलेइपाक) और यूएनएलएफ (यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट) के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था।
गौरतलब है कि भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत आरोपित आरोपियों की पहचान म्यांमार के 38 वर्षीय दीपक शर्मा उर्फ खिनमाउंग, मणिपुर के सूरज जयसवाल (33) और मणिपुर के शेखोम ब्रूस मीतेई (38) के रूप में की गई है।
आरोपी दीपक पर 1946 के विदेशी अधिनियम के तहत अतिरिक्त आरोप लगाए गए हैं। इसके अलावा, एनआईए के अनुसार, आरोपी इन आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने और आगे बढ़ाने के लिए धन जुटा रहा था।
अब तक की जांच से पता चला है कि प्रतिबंधित संगठनों के कैडर अपने संगठनों के लिए धन जुटाने के लिए इंफाल और घाटी इलाकों में लोगों को जबरन वसूली के लिए कॉल कर रहे थे।
एनआईए के बयान में कहा गया है कि इन कैडरों ने पीड़ितों के साथ अपने सहयोगियों के बैंक खाते का विवरण साझा किया और उन्हें जबरन वसूली की रकम जमा करने का निर्देश दिया।
एनआईए ने पिछले साल 9 मार्च को स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था। इसमें शामिल अन्य लोगों को पकड़ने के लिए जांच की जा रही है। मामला अभी भी चल रहा है।