कलाईकुण्डा/कोलकाता, 10 फरवरी भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बुधवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार ने राज्य के किसानों और आदिवासियों के कल्याण के लिए कुछ नहीं किया है। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने पर भगवा पार्टी राज्य के लोगों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करेगी।
आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तृणमूल कांग्रेस के नेता एवं राज्य में मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि नड्डा को उनकी पार्टी (तृणमूल कांग्रेस) पर ऊंगली उठाने के बजाय उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे भाजपा शासित राज्यों में कानून व्यवस्था पर गौर करना चाहिए। साथ ही, पहले नये कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध समाप्त करना चाहिए।
भाजपा अध्यक्ष ने पश्चिमी मिदनापुर जिले के एक गांव में ‘चा चक्र’ (चाय सत्र) में हिस्सा लेते हुए आरोप लगाया कि जिन्होंने ‘‘मां, माटी और मानुष’’ के नाम पर चुनाव जीता, वो आज ‘‘तानाशाही, तुष्टीकरण और बाहुबल’’ की तरकीब अपना रहे हैं।
नड्डा ने आरोप लगाया, ‘‘(पश्चिम बंगाल में) ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य के किसानों और आदिवासियों के कल्याण के लिए कुछ नहीं किया है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘राज्य के गरीब लोगों के साथ हुआ अन्याय लंबे समय तक नहीं चलेगा। आगामी चुनाव में ममता बनर्जी को जाना होगा और कमल खिलेगा।’’
भाजपा अध्यक्ष ने इस दौरान बड़ी संख्या में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए आरोप लगाया, ‘‘एक तरफ नरेंद्र मोदी हैं जो बंगाल का विकास चाहते हैं और दूसरी तरफ ममता बनर्जी हैं जो विकास की सभी परियोजनाओं को बंद करने की कोशिश कर रही हैं।’’
नड्डा के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं स्थानीय सांसद दिलीप घोष और पार्टी के अन्य सांसद सुकांत मजूमदार भी मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि भाजपा विकास कार्यों के जरिए राज्य की खुशहाली सुनिश्चित करेगी और दावा किया कि पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा जीतेगी।
नड्डा ने कहा, ‘‘हमलोग पश्चिम बंगाल का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करेंगे।’’
नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने रविवार को राज्य की अपनी यात्रा के दौरान 4,700 करोड़ रुपये से अधिक की तेल, गैस एवं सड़क परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया था।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने सड़क निर्माण और उन्नयन के मद में केंद्रीय बजट में राज्य के लिए 25,000 करोड़ रुपये आवंटित किया है।
वहीं, हकीम ने नड्डा के दावों पर कहा, ‘‘पिछड़े तबकों के लोग भाजपा शासित राज्यों में प्रताड़ना क सामना कर रहे हैं। किसान दिल्ली की सीमाओं पर काफी दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। भगवा पार्टी उन विषयों पर गौर करने के बजाय बंगाल में किसानों की स्थिति पर लंबे-चौड़े दावे करने में व्यस्त है, जबकि ये (बंगाल के किसान) यहां कहीं बेहतर स्थिति में हैं। ’’
राज्य में 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए अप्रैल-मई में चुनाव होने की संभावना है।
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