ममता ने पुलिस से कहा कि बीएसएफ को अधिकार क्षेत्र सीमा का उल्लंघन करने से रोकें
By भाषा | Updated: December 9, 2021 19:02 IST2021-12-09T19:02:29+5:302021-12-09T19:02:29+5:30

ममता ने पुलिस से कहा कि बीएसएफ को अधिकार क्षेत्र सीमा का उल्लंघन करने से रोकें
कृष्णनगर (पश्चिम बंगाल), नौ दिसंबर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा कि कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है और बांग्लादेश की सीमा से लगते नादिया जिले की पुलिस को निर्देश दिया कि बीएसएफ को उसके अधिकार क्षेत्र के बाहर के इलाकों में प्रवेश करने से रोकें।
उन्होंने यहां हुए एक प्रशासनिक बैठक में जिले के पुलिस अधिकारियों से कहा कि ‘नाका जांच’ करें और अतिरिक्त निगरानी बरतें।
बनर्जी ने कहा, ‘‘मैं प्रभारी निरीक्षकों से कहूंगी कि अपनी निगरानी बढ़ाएं और ‘नाका जांच’ करें। करीमपुर से बांग्लादेश के साथ लगती सीमाएं हैं। आपको उन पर भी नजर रखना होगा...।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आपको यह भी देखना होगा कि बीएसएफ आपकी अनुमति के बगैर गांवों में नहीं घुस पाए और कुछ नहीं कर पाए। बीएसएफ अपना काम करेगा और आप अपना काम कीजिए। याद रखिए कानून-व्यवस्था आपका विषय है।’’
पिछले कुछ दिनों से बनर्जी ने चार अन्य जिलों में प्रशासनिक समीक्षा बैठकों को संबोधित किया और पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया है कि बीएसएफ को उसके अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन नहीं करने दें और राज्य के कानून-व्यवस्था के मामलों में उसे संलिप्त नहीं होने दें।
उत्तर दिनाजपुर जिले के रानीगंज में मंगलवार को प्रशासनिक बैठक के दौरान बनर्जी ने हाल में नगालैंड में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 14 लोगों के मारे जाने का जिक्र किया और आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, मालदा, उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर जैसे जिलों में बीएसएफ अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर के गांवों में घुस जाता है।
उन्होंने डीजीपी को निर्देश दिया है कि वह इस बारे में बीएसएफ के अधिकारियों से बात करें।
केंद्र ने हाल में बीएसएफ कानून में संशोधन कर पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगते 15 किलोमीटर के दायरे के बजाए 50 किलोमीटर के दायरे में सुरक्षा बलों को तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी का अधिकार दिया था।
बनर्जी ने इस निर्णय की आलोचना की थी और कहा कि यह देश के संघीय ढांचे में हस्तक्षेप करने का प्रयास है। उन्होंने पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नयी दिल्ली में मुलाकात कर इस निर्णय को वापस लेने की मांग की थी।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।