नई दिल्ली: ओडिशा रेल हादसे के बारे में जानकारी देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि दुर्घटना के असल वजह के बारे में पता चल गया है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रोनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव की वजह से ऐसा होना कहा। इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम, ट्रेनों के बीच एक तरह का सुरक्षा तंत्र है। यह रेलवे जंक्शनों, स्टेशनों और सिग्नलिंग बिंदुओं पर ट्रेनों की आवाजाही के सुरक्षित और कुशल संचालन को सुनिश्चित करता है। रेल मंत्री ने साथ ही कहा कि विस्तृत बात रिपोर्ट में बताई जाएगी।
अब इन्हीं मुद्दों को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है। प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूछा है कि लोको पायलट रेल सुरक्षा के लिए अहम होते हैं, ऐसे में उनकी रिक्तियां क्यों नहीं भरी जा रहीं?
अपने पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा, "रेलवे को बुनियादी तौर पर मजबूत करने के बजाय खबरों में बने रहने के लिए ऊपरी तौर पर ही बदलाव किए जा रहे हैं। लगातार गलत फैसलों की वजह से रेल का सफर असुरक्षित बन गया है। रेलवे में तीन लाख पद खाली हैं। पूर्वी तट रेलवे में, जहां ये हादसा हुआ, वहां भी 8278 पद खाली हैं। कई वरिष्ठ पदों पर भी तैनाती नहीं हुई हैं। रेलवे बोर्ड खुद इस बात को स्वीकार कर चुका है कि लोको पायलट्स पर काम का दबाव ज्यादा है क्योंकि कर्मचारियों की कमी की वजह से उन्हें कई घंटे अतिरिक्त काम करना पड़ता है। लोको पायलट रेल सुरक्षा के लिए अहम होते हैं, ऐसे में उनकी रिक्तियां क्यों नहीं भरी जा रहीं?"
मल्लिकार्जुन खड़गे ने ने दावा किया, "8 फरवरी 2023 को मैसूर में हुए हादसे के बाद साउथ वेस्ट जोनल रेलवे के संचालन अधिकारी ने रेलवे के सिग्नल सिस्टम को दुरुस्त करने की जरूरत बताई थी लेकिन उस चेतावनी को रेल मंत्रालय ने क्यों दरकिनार किया? कमीशन ऑफ रेलवे सेफ्टी की सलाह को रेलवे बोर्ड ने दरकिनार किया। जांच में पता चला है कि 8-10 प्रतिशत रेल हादसों की ही कमीशन ऑफ रेलवे सेफ्टी (CRS) द्वारा जांच की गई है। सीआरएस को मजबूत और स्वायत बनाने की दिशा में कदम क्यों नहीं उठाए गए? रेल बजट को आम बजट से क्यों मिलाया गया? ससे रेलवे की स्वायतता प्रभावित हुई और उसके फैसले लेने की क्षमता भी प्रभावित हुई है।"
बता दें कि ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों की टक्कर के बाद सोमवार को भारतीय रेलवे ने बालासोर के बहानगा गांव में पटरियों पर यात्री ट्रेनों को चलाना शुरू कर दिया है। ट्रेनों की टक्कर के कारण यह ट्रेक बुरी तरह से प्रभावित था जिसपर रेलवे ने फौरन काम करते हुए दोबारा आवाजाही शुरू करने का काम कर दिया है। युद्धस्तर पर मरम्मत कार्य शुरू होने के बाद मरम्मत की गई पटरियों पर यात्री ट्रेनों का संचालन फिर से शुरू हो गया।