Malegaon Blast case: मुंबई स्पेशल कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा समेत सभी आरोपियों को किया बरी, पीड़ित परिवारों को 2 लाख रुपये का मुआवजा देने का दिया आदेश
By अंजली चौहान | Updated: July 31, 2025 12:23 IST2025-07-31T12:16:13+5:302025-07-31T12:23:28+5:30
Malegaon Blast case: 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया गया है।

Malegaon Blast case: मुंबई स्पेशल कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा समेत सभी आरोपियों को किया बरी, पीड़ित परिवारों को 2 लाख रुपये का मुआवजा देने का दिया आदेश
Malegaon Blast case: मालेगाव ब्लास्ट मामले में 17 साल बाद मुंबई की एनआईए की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने केस से जुड़े सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष मामले को संदेह से परे साबित करने में विफल रहा। एनआईए अदालत ने महाराष्ट्र सरकार को पीड़ितों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया है। कुल 7 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिनमें पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा, मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, सुधाकर चतुर्वेदी, अजय राहिरकर, सुधांकर धर द्विवेदी (शंकराचार्य) और समीर कुलकर्णी शामिल हैं।
एनआईए की विशेष अदालत ने कहा, "आरोपियों के सभी ज़मानत बांड रद्द किए जाते हैं और ज़मानतदारों को मुक्त किया जाता है।"
अदालत ने फैसला सुनाने से पहले अभियोजन पक्ष के 323 और बचाव पक्ष के 8 गवाहों से पूछताछ की थी। सातों लोगों को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और अन्य सभी आरोपों से बरी कर दिया गया है।
न्यायाधीश अभय लोहाटी ने कहा, "अभियोजन पक्ष ने साबित कर दिया कि मालेगांव में एक विस्फोट हुआ था, लेकिन यह साबित करने में विफल रहा कि उस मोटरसाइकिल में बम रखा गया था।" अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि चिकित्सा प्रमाणपत्रों में कुछ हेराफेरी की गई थी। अदालत ने कहा, "अदालत इस निष्कर्ष पर पहुँची है कि घायलों की संख्या 101 नहीं, बल्कि केवल 95 थी और कुछ चिकित्सा प्रमाणपत्रों में हेराफेरी की गई थी।"
NIA Court announces verdict in 2008 Malegaon bomb blast case | "UAPA will not be invoked in this case as sanction was not taken as per rules. Both the sanction orders of the UAPA in the case are defective" says the Court
— ANI (@ANI) July 31, 2025
अदालत ने यह भी कहा कि मामले में एक अन्य आरोपी प्रसाद पुरोहित के आवास में विस्फोटकों के भंडारण या संयोजन का कोई सबूत नहीं है।
उन्होंने आगे कहा, "पंचनामा करते समय जाँच अधिकारी द्वारा घटनास्थल का कोई स्केच नहीं बनाया गया था। घटनास्थल से कोई फिंगरप्रिंट, डंप डेटा या कुछ और एकत्र नहीं किया गया था।"
अदालत ने कहा, "नमूने दूषित थे, इसलिए रिपोर्ट निर्णायक नहीं हो सकती और उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता।"
Addressing the judge in the NIA Court, Sandhvi Pragya Singh says, "I said this from the very beginning that those who are called for investigation there should be a basis behind that. I was called by them for investigation and was arrested and tortured. This ruined my whole life.… https://t.co/GNyiAclNoFpic.twitter.com/zSxIYurGX0
— ANI (@ANI) July 31, 2025
अभिनव भारत संगठन की कथित भूमिका पर अदालत ने कहा कि इस संगठन के धन का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों में किए जाने का कोई सबूत नहीं है।
29 सितंबर 2008 को मालेगांव शहर के भिक्कू चौक में एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल पर बंधे विस्फोटक उपकरण में विस्फोट होने से छह लोग मारे गए और 95 अन्य घायल हो गए। मूल रूप से इस मामले में 11 लोग आरोपी थे; हालाँकि, अदालत ने अंततः पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सहित 7 के खिलाफ आरोप तय किए।