नयी दिल्ली, 11 मार्च भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन कार्यरत स्वायत्तशासी संस्था विज्ञान प्रसार की मैथिली विज्ञान पत्रिका 'विज्ञान रत्नाकर' का बृहस्पतिवार को यहां विमोचन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के मुख्य लेखा नियंत्रक अखिलेश झा ने कहा कि मैथिली भाषा की पहली विज्ञान पत्रिका से मिथिला में न सिर्फ़ विज्ञान का प्रसार होगा, बल्कि आम लोगों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी विकसित होगा।
विज्ञान प्रसार के निदेशक डॉ. नकुल पाराशर ने मैथिली भाषा में उन रचनाकारों का धन्यवाद किया, जिन्होंने विज्ञान रत्नाकर के प्रथम अंक में अपनी रचनाएं दी हैं और उन्होंने वैज्ञानिक चेतना में विश्वास करने वाले अन्य रचनाकारों से भी अपील की कि मातृभाषा मैथिली में लिखी रचनाओं से विज्ञान रत्नाकर को समृद्ध करें।
इस समारोह के मुख्य अतिथि बिहार सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह थे। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि मैथिली भाषा में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के प्रयास में बिहार सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से हरसंभव सहयोग दिया जाएगा।
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