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महाराष्ट्र में बवाल: छत्रपति शिवाजी पर 'विवादित टिप्पणी'! राज्यपाल कोश्यारी भाषण पूरा किए बिना विधान भवन से बाहर गए, जानें पूरा विवाद

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 3, 2022 14:27 IST

महाराष्ट्र में राज्य विधानपालिका के संयुक्त सत्र में अपना अभिभाषण पूरा किए बिना राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी विधान भवन से बाहर चले गए। इसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप सता और विपक्ष के बीच जारी है।

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ठळक मुद्देएनसीपी नेता जयंत पाटिल का दावा- छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रशंसा में नारेबाजी की, भाजपा ने ‘निचले दर्जे’ की नारेबारी की राष्ट्रगान का इंतजार किए बिना चले गए राज्यपाल, ये दुर्भाग्यपूर्ण है: जयंत पाटिलछत्रपति शिवाजी महाराज पर हाल में की गई कुछ टिप्पणियों पर कांग्रेस ने राज्यपाल से माफी मांगने की बात कही है।

मुंबई: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी विधायकों की नारेबाजी के बीच गुरुवार को राज्य विधानपालिका के संयुक्त सत्र में अपना अभिभाषण पूरा किए बिना विधान भवन से बाहर चले गए। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की राज्य इकाई के अध्यक्ष एवं जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल ने दावा किया कि सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के विधायकों के मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रशंसा में नारेबाजी की, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने ‘निचले दर्जे’ की नारेबारी की, जिसे राज्यपाल बर्दाश्त नहीं कर सके। 

पाटिल ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह राष्ट्रगान का इंतजार किए बिना चले गए।’ दूसरी ओर, भाजपा के मुख्य सचेतक आशीष शेलार ने राज्यपाल का अभिभाषण पूरा नहीं हो पाने के लिए एमवीए को दोषी ठहराया। 

उन्होंने कहा, ‘विधानपालिका के बाहर और भीतर हमारी एक मात्र मांग यह है कि (भगोड़े गैंगस्टर) दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों के साथ संबंध रखने के आरोपी मंत्री नवाब मलिक को मंत्रालय से इस्तीफा देने को कहा जाए। हम अपनी मांग से पीछे नहीं हटेंगे। कार्यवाही का सुचारू संचालन सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है।’ 

इस बीच, कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने छत्रपति शिवाजी महाराज पर हाल में की गई कुछ टिप्पणियों को लेकर राज्यपाल की आलोचना की और कहा कि उन्हें माफी मांगनी चाहिए। 

राज्यपाल कोश्यारी ने छत्रपति शिवाजी पर क्या कहा था?

कोश्यारी ने रविवार को औरंगाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज और चंद्रगुप्त मौर्य का उदाहरण देते हुए गुरु की भूमिका की बात की थी।

उन्होंने कहा था, ‘इस भूमि पर कई चक्रवर्ती (सम्राट), महाराजाओं ने जन्म लिया, लेकिन चाणक्य न होते तो चंद्रगुप्त के बारे में कौन पूछता? समर्थ (रामदास) न होते तो छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में कौन पूछता।’ 

कोश्यारी ने कहा था, ‘मैं चंद्रगुप्त और शिवाजी महाराज की योग्यता पर सवाल नहीं उठा रहा हूं। जैसे एक मां, बच्चे का भविष्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, उसी तरह हमारे समाज में एक गुरु का भी बड़ा स्थान है।’ 

इस बीच, बजट सत्र से पहले भाजपा विधायकों ने मलिक को पद से नहीं हटाने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ यहां विधान भवन की सीढ़ियों पर प्रदर्शन किया। 

विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दारेकर और भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की एमवीए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

(भाषा इनपुट)

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