लोकसभा चुनाव 2019 में केरल और पंजाब को छोड़कर कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन पूरे देश में निराशाजनक रहा है। नतीजे आने के बाद अब पार्टी में हार की जिम्मेदारी लेने और इस्तीफे का दौर जारी है। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा, 'मैंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है, अब यह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर है कि वह प्रदेश नेतृत्व में जो भी बदलाव करना चाहते हैं करें, हम उन्हें इस बारे में फैसला लेने का पूरा अधिकार देते हैं।' चव्हाण ने कहा कि वो जल्द ही राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे।
महाराष्ट्र में शर्मनाक प्रदर्शन
महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन बेहद शर्मनाक रहा है। यहां पार्टी ने एनसीपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और सिर्फ एक सीट पर जीत दर्ज की है। केरल और पंजाब को छोड़ दें तो अधिकांश राज्यों में कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। डेढ़ दर्जन राज्यों में तो कांग्रेस पार्टी शून्य पर सिमट गई है। बता दें कि लोकसभा चुनाव नतीजों में कांग्रेस पार्टी को कुल 52 सीटों पर जीत मिली है। वहीं बीजेपी अकेले दम पर पूर्ण बहुमत का आंकड़ा पार करते हुए 303 सीटों पर जीती है।
राहुल गांधी ने भी की इस्तीफे की पेशकश
लोकसभा चुनाव में हार के बाद अब कांग्रेस में सत्ता परिवर्तन के आसार नजर अर रहे हैं। चुनाव में करारी हार की जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफे पर अड़े हुए हैं। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में उन्होंने साफ कहा कि उन्हें इस पद से मुक्त कर किसी अन्य को जिम्मेदारी सौंपी जाए। हालांकि कार्यसमिति ने उनके इस्तीफे की पेशकश ठुकरा दी है, लेकिन उनके अड़ियल रुख को देखते हुए फैसला अगली बैठक के लिए टाल दिया है।
कई और पर गिर सकती गाज
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों का मुद्दा गरमा गया। सदस्यों ने सीधा आरोप लगाया कि इन राज्यों में कांग्रेस सरकार होने के बावजूद जो चुनाव परिणाम मिलने थे, वे नहीं मिले। इसका सीधा मतलब है कि इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने जनता की इच्छा के अनुरूप काम नहीं किया। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, अब कांग्रेस नेतृत्व इन तीनों राज्यों नेतृत्व को लेकर नए सिरे से विचार करने की सोच रहा है। इस वजह से अशोक गहलोत, कमलनाथ और भूपेश बघेल का भविष्य खतरे में दिख रहा है।