महाराष्ट्र: कांग्रेस ने फेंका पासा- गेंद बीजेपी के पाले में है, शिवसेना को तय करना है कि पांच साल सीएम चाहिए या ढाई का
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: October 26, 2019 03:02 PM2019-10-26T15:02:51+5:302019-10-26T15:02:51+5:30
शिवसेना ने बीजेपी के सामने प्रस्ताव रखा है कि पांच साल में ढाई साल वह सरकार चलाएगी। उधर 44 सीटें जीतने वाली कांग्रेस को सरकार गठन की भूमिका में संभावना नजर आ रही है और उसने सत्ता की बिसात पर पासा फेंका है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद सरकार गठन के समीकरणों में मामला उलझ गया है। वोट प्रतिशत घटने के बावजूद 105 सीटों के साथ भारतीय जनता पार्टी (BJP) सबसे बड़ी पार्टी है। बीजेपी के सहयोगी दल शिवसेना की 56 की सीटें आई हैं लेकिन इस जीत के बाद भी चाबी उसके पास है।
शिवसेना ने बीजेपी के सामने प्रस्ताव रखा है कि पांच साल में ढाई साल वह सरकार चलाएगी। उधर 44 सीटें जीतने वाली कांग्रेस को सरकार गठन की भूमिका में संभावना नजर आ रही है और उसने सत्ता की बिसात पर पासा फेंका है। कांग्रेस का कहना है कि गेंद बीजेपी के पाले हैं लेकिन शिवसेना को तय करना है कि उसे कहां जाना है।
कांग्रेस नेता विजय वादेत्तिवार ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ''गेंद बीजेपी के पाले में है, अब शिवसेना को तय करना है कि वह पांच वर्ष का मुख्यमंत्री चाहती है या ढाई साल की सीएम पद की मांग के साथ बीजेपी के जवाब का इंतजार करती है। अगर शिवसेना का प्रस्ताव हमारे पास आता है तो हम पार्टी हाई कमान से बात करेंगे।''
Vijay Wadettiwar,Congress on Shiv Sena's proposal to BJP to run govt for 2.5 yrs each: Ball is in BJP's court,it is up to Shiv Sena to decide if they want a 5 year CM or wait for BJP's response on 2.5 yr CM demand.If Sena's proposal comes to us,we will discuss with high command https://t.co/XlRyEwyD7epic.twitter.com/yb1LwahxxS
— ANI (@ANI) October 26, 2019
बता दें कि शिवसेना के नेता प्रताप सारनाइक ने मीडिया को बताया था, ''हमारी बैठक में वही तय हुआ जैसा कि अमित शाह जी ने लोकसभा चुनाव से पहले फिफ्टी-फिफ्टी फॉर्मूले का वादा किया था। गठबंधन की दोनों पार्टियों को ढाई-ढाई वर्ष सरकार चलाने का मौका मिलना चाहिए, इसलिए शिवसेना का भी सीएम होना चाहिए। उद्धव जी को यह आश्वासन बीजेपी से लिखित में मिलना चाहिए।''
बता दें कि कांग्रेस अपनी 44 सीटों के अलावा एनसीपी की 44 सीटों के भरोसे सरकार गठन की संभावना देख रही है लेकिन एनसीपी ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है कि वह मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाना चाहेगी।