महाराष्ट्र: कांग्रेस ने शिक्षा में मुसलमानों के आरक्षण की मांग दोहराई
By भाषा | Updated: July 6, 2021 21:44 IST2021-07-06T21:44:56+5:302021-07-06T21:44:56+5:30

महाराष्ट्र: कांग्रेस ने शिक्षा में मुसलमानों के आरक्षण की मांग दोहराई
मुंबई, छह जुलाई नौकरियों एवं शिक्षा में मराठा समुदाय और स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण बहाल करने की मांग को लेकर महाराष्ट्र में हो रहे प्रदर्शनों के बीच कांग्रेस के एक नेता ने मुस्लिम समुदाय को शिक्षा में पांच प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की मंगलवार को मांग की।
उन्होंने दावा किया कि शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस की महा विकास आघाडी सरकार ने भी इसका अनुमोदन किया है। उन्होंने कहा कि इस मामले पर पिछले साल राकांपा के नेता एवं राज्य के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने भी आश्वासन दिया था।
महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के उपाध्यक्ष नसीम खान ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट को पत्र लिखा कि 2014 में तत्कालीन कांग्रेस-राकांपा सरकार ने नौकरियों और शिक्षा में मुसलमानों को पांच प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया था। उन्होंने अन्य समुदायों की तरह मुसलमानों के लिए तब तक एक विशेष पैकेज दिए की मांग की, जब तक उनके लिए आरक्षण स्वीकृत नहीं हो जाता।
उन्होंने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय ने मराठा समुदाय का आरक्षण रद्द कर दिया था, लेकिन शिक्षा में मुस्लिम आरक्षण को बरकरार रखा था। मुसलमानों के लिए आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं बल्कि उनके शैक्षणिक और आर्थिक रूप से पिछड़ेपन के आधार पर मांगा गया है।’’
खान ने कहा, ‘‘2014 और 2019 के बीच, मैंने कई बार मांग की कि मुसलमानों के लिए आरक्षण बहाल किया जाए, लेकिन तत्कालीन भाजपा सरकार नहीं मानी। कांग्रेस-राकांपा के 2019 के चुनावी घोषणापत्र में इस (मुस्लिम आरक्षण) मुद्दे को शामिल किया गया था और महा विकास आघाडी (शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के गठबंधन) ने भी इसे अनुमोदित किया था।’’
खान ने कहा कि नवाब मलिक ने पिछले साल कहा था कि मुस्लिम आरक्षण पर फैसला किया जाएगा।
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