Maharashtra CM Oath Ceremony: एकनाथ शिंदे पहलीबार बने डिप्टी सीएम, शपथ के दौरान बाल ठाकरे, पीएम मोदी, अमित शाह का किया जिक्र
By रुस्तम राणा | Updated: December 5, 2024 19:05 IST2024-12-05T19:04:58+5:302024-12-05T19:05:05+5:30
महायुति गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री रह चुके शिंदे ने शुरू में उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार करने में अनिच्छा दिखाई थी, क्योंकि उन्हें सहयोगी भाजपा को शीर्ष पद सौंपने में असहजता महसूस हो रही थी।

Maharashtra CM Oath Ceremony: एकनाथ शिंदे पहलीबार बने डिप्टी सीएम, शपथ के दौरान बाल ठाकरे, पीएम मोदी, अमित शाह का किया जिक्र
Maharashtra CM Oath Ceremony: शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को मुंबई के आज़ाद मैदान में आयोजित एक भव्य समारोह में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। भाजपा के देवेंद्र फडणवीस के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद शिंदे ने शपथ ली। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
कई केंद्रीय मंत्री और एनडीए के अन्य नेता भी इसमें शामिल हुए। शपथ लेने से पहले शिंदे ने अपने गुरु बालासाहेब ठाकरे और अपने गुरु आनंद दीघे को श्रद्धांजलि देते हुए पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने पीएम मोदी और अमित शाह के नेतृत्व और महाराष्ट्र के 13 करोड़ मतदाताओं के समर्थन को स्वीकार किया।
महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन द्वारा शपथ दिलाए जाने से पहले शिंदे ने कहा, "हिंदूहृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे को मेरा नमन। अपने गुरु धर्मवीर आनंद दीघे को याद करता हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के मजबूत नेतृत्व और आशीर्वाद तथा महाराष्ट्र के 13 करोड़ मतदाताओं के समर्थन से यह उपलब्धि हासिल हुई है।"
#WATCH | Shiv Sena's Eknath Shinde takes oath as Deputy CM of Maharashtra pic.twitter.com/G33WOBOLbw
— ANI (@ANI) December 5, 2024
महायुति गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री रह चुके शिंदे ने शुरू में उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार करने में अनिच्छा दिखाई थी, क्योंकि उन्हें सहयोगी भाजपा को शीर्ष पद सौंपने में असहजता महसूस हो रही थी। हालांकि, जब उनके विधायकों ने उनसे पुनर्विचार करने का आग्रह किया, तो वे सहमत हो गए और एनसीपी प्रमुख अजित पवार के साथ शपथ ली। 20 नवंबर को राज्य विधानसभा चुनाव और 23 नवंबर को घोषित परिणामों के बाद दो सप्ताह तक गहन बातचीत के बाद नई सरकार का गठन हुआ।