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महाराष्ट्र कैबिनेट विस्तारः 36 में से 18 मंत्री बड़े राजनीतिक घरानों से, परिवारवाद का बोलबाला, आदित्य ठाकरे पर ऐसे लिया फैसला

By रामदीप मिश्रा | Updated: January 1, 2020 14:50 IST

महाराष्ट्र कैबिनेट विस्तारः मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को मंत्री पद देने के लिए रविवार देर शाम उनके करीबी रिश्तेदारों ने रणनीती बनाई थी।

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ठळक मुद्देमहाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार की कैबिनेट का विस्तार 30 दिसंबर को हुआ।जिन 36 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली उनमें से 18 मंत्री महाराष्ट्र के बड़े राजनीति घराने से आते हैं।

महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार की कैबिनेट का विस्तार 30 दिसंबर को हुआ। इस विस्तार में परिवारवाद का बोलबाला रहा है, जिन 36 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली उनमें से 18 मंत्री महाराष्ट्र के बड़े राजनीति घराने से आते हैं। इन सभी मंत्रियों को प्रदेश के राज्यपाल बीएस कोश्यारी ने शपथ दिलाई थी। 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को मंत्री पद देने के लिए रविवार देर शाम उनके करीबी रिश्तेदारों ने रणनीती बनाई थी। हालांकि इस मामले पर शिवसेना के किसी भी वरिष्ठ नेता की सलाह नहीं ली गई। 

बताया गया है कि ऐसा मालूम पड़ा है कि उद्धव ठाकरे ने गांधी परिवार से एक क्यू लिया। वह नहीं चाहते थे कि आदित्य को राहुल गांधी की तरह देखा जाए। परिवार ने सोचा कि आदित्य को बिना समय गंवाए पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और गवर्नेंस के लिए तैयार किया जाना चाहिए।

उद्धव ठाकरे की सरकार में रायगढ़ से एनसीपी के कद्दावर नेता व सांसद सुनील तटकरे की बेटी आदिति तटकरे को भी मंत्री बनाया गया है। वहीं, अमित देशमुख पूर्व सीएम विलासराव देशमुख के बेटे हैं, जिन्होंने राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया है। इसके अलावा सुनील केदार, यशोमति ठाकुर, सतेज पाटिल, राजेश टोपे, विश्वजीत कदम, वर्षा गायकवाड़, अजित पवार, बालासाहेब थोराट, अशोक चव्हाण, शंकरराव गदख, शंभूराजे देसाई, धनंजय मुंडे, जयंत पाटिल और राजेंद्र शिंगणे शामिल हैं।

बता दें महाराष्ट्र मंत्रिपरिषद के विस्तार के अगले दिन मंगलवार (31 दिसंबर) को सत्तारूढ़ शिवेसना, एनसीपी और कांग्रेस के खेमों से अंसतोष के स्वर सामने आए और सरकार में नए चेहरे चुने जाने की आलोचना की गई। भोर से कांग्रेस विधायक संग्राम थोप्टे के समर्थकों ने उन्हें महाराष्ट्र मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं किए जाने को लेकर पुणे में मंगलवार शाम पार्टी कार्यालय पर हमला किया। कांग्रेस नेताओं का एक वर्ग नई मंत्रिपरिषद में पार्टी के निष्ठावान नेताओं को शामिल नहीं किए जाने से परेशान है। वहीं, शिवसेना के नेता भी वरिष्ठ और पूर्व मंत्रियों को जगह नहीं मिलने से नाखुश हैं।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को महीनेभर पुरानी शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन सरकार में 36 मंत्रियों को शामिल किया था। इनमें 14 (दस कैबिनेट और चार राज्य मंत्री) एनसीपी के, 12 (आठ कैबिनेट और चार राज्यमंत्री) शिवसेना के और दस (आठ कैबिनेट तथा दो राज्य मंत्री) कांग्रेस के हैं। 

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