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महाराष्ट्र भाजपा ने स्थानीय निकाय में ओबीसी आरक्षण के लिये प्रदेश भर में प्रदर्शन किया

By भाषा | Updated: June 26, 2021 18:31 IST

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मुंबई, 26 जून भाजपा की महाराष्ट्र इकाई ने स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का आरक्षण बहाल करने की मांग को लेकर शनिवार को राज्य व्यापी ‘चक्का जाम’ किया। उच्चतम न्यायालय के इस साल मार्च के आदेश के बाद इसपर रोक लगा दी गई थी।

पार्टी ने घोषणा की थी कि वह राज्य भर में 1000 जगहों पर प्रदर्शन करेगी। विधानसभा में नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने अपने गृह जिले नागपुर में प्रदर्शन में हिस्सा लिया जबकि विधानपरिषद में नेता विपक्ष प्रवीण दरेकर ने ठाणे में प्रदर्शन का नेतृत्व किया जिसकी वजह से शहर को मुंबई से जोड़ने वाले मार्ग पर कुछ समय के लिये जाम लग गया।

नागपुर में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए फडणवीस ने कहा कि उनकी पार्टी अगर सत्ता में आई तो स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण को बहाल करेगी और अगर नहीं किया तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे।

फडणवीस ने कहा, “तथ्य यह है कि मामले का समाधान राज्य स्तर पर हो सकता है। राज्य सरकार एक कानून बनाकर आरक्षण बहाल कर सकती है। केंद्र सरकार के किसी कानून की जरूरत ही नहीं है। यही वजह है कि महाराष्ट्र को छोड़कर अन्य राज्यों में ओबीसी आरक्षण मौजूद है। आपको (एमवीए) कानून बनाना होगा। हम आपके झूठ का पर्दाफाश करने तक रुकेंगे नहीं। यह प्रदर्शन इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना के लिये आयोजित किया गया है।”

विधानसभा में नागपुर दक्षिण-पश्चिम सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले फडणवीस ने कहा कि ओबीसी को इरादतन राजनीतिक आरक्षण से वंचित रखा जा रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं एमवीए सरकार के सभी ओबीसी मंत्रियों से अनुरोध करूंगा, हमारे और उनके बीच कोई दुश्मनी नहीं है। अगर आप ईमानदारी से ओबीसी समुदाय के पक्ष में हैं तो पार्टी लाइन से हटकर हम आपके साथ खड़े होने के लिये तैयार हैं। मैं आपको पूरे विश्वास के साथ बताना चाहता हूं कि अगले तीन-चार महीनों में हम ओबीसी आरक्षण वापस ला सकते हैं। अगर आप हमें ताकत दें…मैं पूरे भरोसे के साथ आपने कहना चाहता हूं कि अगर ओबीसी के लिये राजनीतिक आरक्षण वापस लाने में नाकाम रहा, तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा।”

पुणे में प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाली पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे ने कहा कि यदि भाजपा की मांग पूरी नहीं होती है, तो पार्टी भविष्य में और बड़े प्रदर्शन करेगी।

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण को बरकरार रखने में नाकाम रही, जो समुदाय के उत्थान के लिये जरूरी था।

मुंडे ने आरोप लगाया कि जब ओबीसी आरक्षण संबंधी मामला अदालत में लंबित था, तब राज्य सरकार सहकारी क्षेत्र में चुनाव सहित विभिन्न चुनावों को टालती रही और अदालत ने जब आरक्षण समाप्त कर दिया, उसे बाद ही चुनावों की घोषणा की गई। उन्होंने कहा, ‘‘हम मांग कर रहे हैं कि ओबीसी आरक्षण बहाल किया जाए और तब तक कोई चुनाव नहीं होना चाहिए। हम चाहते हैं कि सरकार चुनाव स्थगित करने की मांग को लेकर हमारे साथ मिलकर चुनाव आयोग से संपर्क करे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव होते हैं, तो हम और बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे। यह 'चक्का जाम' सिर्फ एक ट्रेलर है।’’

मुंडे ने आरोप लगाया कि स्थानीय निकायों में आरक्षण से वंचित कर सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “उच्चतम न्यायालय के फैसले को हार के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। हम आरक्षण के लिये अपनी जंग जारी रखेंगे और प्रदेश सरकार पर दबाव बनाकर इसे वापस पाने की कोशिश करेंगे।”

पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक आशीष शेलार ने कहा कि भाजपा ने आने वाले दिनों में आंदोलन तेज करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, “भले ही 1000 से ज्यादा पार्टी कार्यकर्ता राज्य पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिए जाएं, हम पीछे नहीं हटेंगे।”

एक अन्य भाजपा नेता और राज्य के पूर्व मंत्री गिरीश महाजन और विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा ने इस मामले को लेकर मुंबई में राज्य सचिवालय ‘मंत्रालय’ के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा-शिवसेना सरकार ने 2019 में स्थानीय निकायों में ओबीसी को राजनीतिक आरक्षण दिया था, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने कहा कि महाराष्ट्र में संबंधित स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं ओबीसी के लिए आरक्षित कुल सीटों के 50 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता।

भाजपा का आरोप है कि एमवीए सरकार की निष्क्रियता के कारण यह आरक्षण रद्द हुआ।

राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने धुले, नंदुरबार, वाशिम, अकोला और नागपुर जिलों में उपचुनावों की घोषणा की है और जिला परिषद की 85 सीटें और 144 पंचायत समिति सीटों के लिए चुनाव होने जा रहे हैं। भाजपा ने शुक्रवार को मांग की कि राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय का तत्काल रूख कर पांच जिलों में जिला परिषद उपचुनाव स्थगित करने का अनुरोध करे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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